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Thursday 28 November 2013 04:03:14 AM
नई दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने देश के चुने हुए जिलों में काम की मांग को सक्रिय रूप से दर्ज करवाने के लिए पिछले हफ्ते ‘काम मांगो अभियान’ शुरू किया। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने पिछले हफ्ते छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया कि राज्य इस अधिनियम के तहत आने वाले सभी व्यक्तियों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें और अच्छे मॉडल्स तैयार करें, जिनसे बड़ी संख्या में ग़रीब लोगों को लाभ पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे निजी तौर पर इन प्रयासों का नेतृत्व करें और इस अभियान का चुने हुए राज्यों के सभी जिलों तक प्रसार करें।
हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मनरेगा कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में इस अभियान की शुरूआत की। मंत्रालय का मानना है कि मनरेगा के तहत काम की मांग में आई गिरावट, मांग में कमी की वजह से नहीं बल्कि, मांग को प्रभावी रूप से जानने में असफलता की वजह से आई है। इस अभियान के तहत मनरेगा की पात्रता प्राप्त लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाई जाएगी और इस कार्यक्रम में लोगों की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा, ताकि रोज़गार गारंटी को पूरा किया जा सके। आने वाले महीनों में देश के जिन छह जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, वे जिले हैं-सीतापुर (उत्तरप्रदेश), नासिक (महाराष्ट्र), रायचूर (कर्नाटक), कटिहार (बिहार), पश्चिमी सिंगभूम (झारखंड) और सुंदरगढ़ (ओडिशा)। देशभर में इस अभियान के प्रचार के लिए ‘मनरेगा दिवस’ 2 फरवरी 2014 को एक मॉडल प्रस्तुत किया जाएगा।
यह अभियान जिला, राज्य और केंद्र सरकार, नरेगा कर्मियों, सामाजिक संगठनों के सहयोग से चलाया जाएगा। इस दौरान प्रत्येक वार्ड बस्तियों तक पहुंचने के प्रयास किए जाएंगे और लोगों को नरेगा के काम के लिए अपनी मांग दर्ज कराने का मौका दिया जाएगा। काम की मांग के बारे में जानने के लिए कई तरीके अपनाए जाएंगे, जिनमें अधिकारियों को प्रशिक्षण, पद यात्राओं और प्रत्येक पंचायत में हर महीने रोज़गार दिवस आयोजित करने के जरिए लोगों में जागरुकता बढ़ाना शामिल है। इसके जरिए लोगों को कार्य की मांग और शिकायत दर्ज करवाने का मौका मिलेगा। प्रशासन की उत्साहपूर्वक भागीदारी से काम की मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है। अभियान के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने समाज के हर वर्ग से सहयोग और मदद की अपील की है, जिनमें सामाजिक संगठन, जिला, राज्य प्रशासन छात्र, मीडिया, विद्वानों और नरेगा कर्मी शामिल हैं। मंत्रालय मनरेगा वेबसाइट पर आने वाली मांग के आंकड़ों पर नज़र रखेगा।
हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के चायबासा जिले में विकास मेले के दौरान ‘काम मांगो अभियान’ की शुरूआत की। दो हजार लोगों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिया कि अभियान को उत्साहपूर्वक चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने खुद 20 कर्मियों के आवेदन लेकर और उन्हें रसीद देकर काम की मांग को दर्ज किया। ये आवेदन रोज़गार सेवक को दिए जाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि मांग दर्ज करने की तिथि से 15 दिन के अंदर काम उपलब्ध कराया जाए। अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और निर्धन क्षेत्रों में काम कर रहे जैसे सामाजिक संगठनों के सहयोग की सराहना की।