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Saturday 30 November 2013 04:36:48 AM
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने महाराष्ट्र में कोयना इंट्राप्लेट भूकंपीय क्षेत्र में वैज्ञानिक तरीके से गहरी खुदाई के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पांच वर्ष के लिए इस परियोजना पर 472.3 करोड़ रुपए की लागत आएगी। कोयना क्षेत्र प्रस्तावित वैज्ञानिक तरीके से गहरी खुदाई जांच से जलाशय प्रेरित भूकंपों की प्रणाली को समझने व पूर्वानुमान का मॉडल विकसित करने, स्थिर महाद्विपीय क्षेत्र में भूकंप के खतरे के आकलन का अवसर मिलेगा।
परियोजना का मुख्य उद्देश्य गहरे बोरहोल (6-8 किलोमीटर) से महाराष्ट्र के कोयना-वारना क्षेत्र में जांच की जाए जहां 20X30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ही पिछले पांच दशक से भूकंप आ रहे हैं, इसमें दिसंबर 1967 को आया सबसे अधिक 6.3 तीव्रता वाला भूकंप भी शामिल है। पिछले अध्ययनों से स्पष्ट हो गया है कि कोयना-वारना क्षेत्र जलाशय प्रेरित भूकंपों के अध्ययन के लिए विश्व में संभवत: सबसे अच्छा स्थान है। परियोजना से दक्षिणी ज्वालामुखीय, भारी लुप्तता, तापीय संरचना, स्थलमंडल पर दबाव, पश्चिम तटीय पट्टी की भूतापीय क्षमता के अलावा क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के भूतापीय रिकॉर्ड को समझने में मदद मिलेगी।
परियोजना के एक भाग के रूप में कराड में अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना है, जो भूकंपीय, गहरी खुदाई, बोरहोल जांच, मुख्य विश्लेषण और संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए प्रचालन केंद्र के रूप में कार्य करेगा। परियोजना का कार्यांवयन भू-विज्ञान मंत्रालय के उसके भूकंप विज्ञान प्रभाग, भूकंप विज्ञान केंद्र सीएसआईआर-राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के सहयोग से किया जाएगा। विभिन्न विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संगठनों और अकादमिक संस्थानों की भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा।