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Saturday 30 November 2013 04:47:04 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने यूपीएससी के शासन और लोक सेवाओं पर चौथे वार्षिक व्याख्यान में कहा है कि किसी भी सरकार के लिए उचित और कुशल जनसेवाएं सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट कुशलता जरूरी है और शासन इसमें प्रमुख भूमिका निभाता है, इसके लिए उचित मानव संसाधन प्रबंधन जैसे उचित व्यक्तियों की आवश्यक संख्या में उचित समय पर नियुक्ति जरूरी है। नियुक्ति के बाद प्रशिक्षण देना और अनुशासन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इन सब महत्वपूर्ण क्षेत्रों में यूपीएससी के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि ग्रुप ए और बी सेवाओं के लिए यूपीएससी के साथ विचार-विमर्श कर नियुक्ति नियम बनाए जाते हैं। यूपीएससी ग्रुप ए अधिकारियों की नियुक्ति के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है और यह गर्व की बात है कि यूपीएससी विशिष्ट अखिल भारतीय सेवाओं सहित केंद्र सरकार के लिए बड़ी संख्या में नियुक्ति के लिए बढ़िया कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी मौजूद थे। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत राज्यमंत्री ने उनकी मौजूदगी का स्वागत करते हुए कहा कि शासन और लोक सेवा के क्षेत्र में कई दशकों का उनका अनुभव है, राष्ट्रपति ने 18 अक्तूबर 2013 को मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) में अच्छे शासन और लोक सेवा की आवश्यकता और महत्व पर विस्तार से बात की थी और उन्हें भी वह व्याख्यान सुनने का अवसर मिला था, राष्ट्रपति ने अपने भाषण में सरकारी कर्मचारियों के लिए राजनीति से प्रेरित पक्षपात नहीं करने की आवश्यकता पर जोर दिया था। वी नारायणसामी ने सरकार के साझा लक्ष्यों को हासिल करने को उच्च प्राथमिकता देने पर भी जोर दिया, जिन्हें लैंगिक समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, समाज कल्याण आदि कार्यक्रमों को दृढ़ता से लागू कर हासिल किया जा सकता है।
राज्यमंत्री ने कहा कि यूपीएससी, पदोन्नति के जरिए अभ्यर्थी चुनने का महत्वपूर्ण कार्य भी करता है, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए आज हमारे शासन तंत्र में कई तरीके हैं, सरकार ने लोक सेवा अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी कार्यक्रम शुरू किया है, समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘नागरिक अधिकार’ और उनके शिकायत निवारण विधेयक, 2011 को लोकसभा में पेश कर दिया गया है और स्थाई समिति ने इस पर सुझाव भी दिए हैं, हमें उम्मीद है कि ये विधेयक जल्द ही संसद में पास हो जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि ‘शासन और लोकसेवा’ व्याख्यान श्रृंखला के दौरान बुद्धिजीवी और गणमान्य व्यक्तियों के विचारों से अच्छे शासन और लोक सेवा प्रदान करने में मदद मिलेगी, व्याख्यान श्रृंखला से राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक, राजनयिक और वित्तीय क्षेत्र के बहुमुखी प्रतिभावान व्यक्तियों के नए विचार से सबको बहुत लाभ होगा।