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Wednesday 11 December 2013 07:51:19 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने लोकसभा में बताया है कि चैन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (सीएमआरएल), बंगलोर मेट्रो रेल प्रबंधन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) और जयपुर मेट्रो रेल प्रबंधन लिमिटेड (जेएमआरसीएल) की रिपोर्ट के अनुसार कुछ स्थानों पर पुरानी और पुरातात्विक महत्व की इमारतों के संरक्षण के लिए चिंता व्यक्त की गई थी। मद्रास में भारतीय तकनीकी संस्थान के विशेषज्ञों के सुझाव से किसी भी महत्वपूर्ण इमारत की मरम्मत के कार्य के दौरान चैन्नई मेट्रो रेल ने कमजोर ढांचे वाली इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानी, पुख्ता प्रबंध और अस्थाई रुप से बचाव के उपाय अपनाए हैं।
बंगलोर मेट्रो रेल प्रबंधन ने पुरानी इमारतों वाले क्षेत्र में भूमिगत मेट्रो रेल सेवा शुरु करने से पहले वहां खोदे जाने वाली सुरंग से इन इमारतों पर पड़ने वाले प्रभाव को जानने के लिए इमारतों की स्थिति का अध्ययन किया है। अध्ययन के अनुसार सुरंग बनाने के दौरान असुरक्षित समझी जानी वाली इन इमारतों को खाली करवाया जाएगा। इन इमारतों के नीचे सुरंग बन जाने के बाद इमारतों का निरीक्षण किया जाएगा और अच्छी हालत में उन्हें फिर से सौंप दिया जाएगा।
जयपुर मेट्रो रेल प्रबंधन ने एशिया विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा की है। पुरातात्विक महत्व की इमारतों और जगहों की सुरक्षा की दृष्टि से निश्चित अवधि के आधार पर समीक्षा रिपोर्ट के लिए जेएमआरसी और राजस्थान के पुरातात्विक और संग्राहलय विभाग की संयुक्त समिति का गठन किया गया है। सुरंग का काम शुरु करने के अनुबंध दिये जाने की स्थिति में पर्याप्त सुरक्षा उपाय किये गये हैं।