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Sunday 15 December 2013 10:49:26 AM
पुणे। भारत के उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने कहा है कि नई प्रौद्योगिकियां दुनिया भर में राजनीतिक, भौगोलिक और सामाजिक-सांस्कृतिक सीमाओं को समाप्त कर रही हैं, जिन्होंने हजारों वर्षों से विश्व को विभाजित कर रखा था। उन्होंने कहा कि आज हम समूचे विश्व के साथ परस्पर संबद्ध हैं और प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में वैश्विक बाजार के लाभ उठा रहे हैं। उपराष्ट्रपति पुणे, महाराष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बारे में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। 'वैश्विक क्षेत्रीयवाद और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय निष्क्रियता' विषय पर अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि दक्षिणी देशों में अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि और विकास को देखते हुए परंपरागत उत्तर-दक्षिण के भेद समाप्त होते जा रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि औद्योगिक देशों को निरंतर आर्थिक और वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे विकसित और विकासशील देशों के बीच आर्थिक अंतराल कम हो रहा है। परिणाम स्वरूप आर्थिक शक्ति का संतुलन धीरे-धीरे, लेकिन निश्चित रूप से अब यूरोप और उत्तर अमरीका से एशिया और लैटिन अमरीका की तरफ स्थानांतरित हो रहा है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमां और नेपाल जैसे विविध देशों के साथ द्विपक्षीय विकास भागीदारी के भारत के अनुभव क्षेत्रीय सहयोग शुरू करने की हमारी क्षमता को दर्शाते हैं।