स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 15 December 2013 11:05:40 AM
हैदराबाद। इकतालीस साल पहले 24 जून 1972 को भारतीय वायु सेना अकादमी डुंडीगल से जो एनएके ब्राउन एक अधिकारी के रूप में पास आउट हुए थे, वह भारतीय वायु सेना प्रमुख के रूप में 202 फ्लाइट कैडेट की पास आउट परेड की समीक्षा के लिए चौदह दिसंबर 2013 को एयर चीफ मार्शल, चेयरमैन चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी और चीफ आफ एयर स्टाफ बनकर यहां पुनः पधारे। उन्होंने 192 पायलट कोर्स, 133 ग्राउंड ड्यूटी कोर्स और 117 नैवीगेशन कोर्स के फ्लाइट कैडेट की संयुक्त ग्रेजुएशन परेड की समीक्षा की।
एनएके ब्राउन ने कहा कि एयर फोर्स अकादमी प्रशिक्षण क्रेडल मिलिट्री एविएशन के रूप में सभी शाखाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए साथ मिलकर सीखने का अनोखा माहौल उपलब्ध कराती है। आगामी वर्षों में इसकी प्रशिक्षण क्षमता मौजूदा 480 से बढ़ाकर 750 प्रशिक्षु की जाएगी। पास आउट कैडेट को बधाई देते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि संयुक्त ग्रेजुएशन परेड की समीक्षा करने और भारतीय वायु सेना और मिलिट्री एविएशन बिरादरी में इन उत्कृष्ट पुरुष और महिलाओं का स्वागत करने के लिए यहां उपस्थित होना उनके लिए बहुत सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा कि मैं उन अधिकारियों को बधाई देता हूं जिन्हें आज सुबह राष्ट्रपति का कमीशन दिया गया है। वायु सेना प्रमुख ने पास आउट अधिकारियों से कहा कि उन्हें अपने अधीनस्थ, अपनी वायु सेना के झंडे और अपने राष्ट्र के प्रति सच्चे रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रेजुएशन परेड सैन्य करियर में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।