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Wednesday 25 December 2013 11:24:49 PM
नई दिल्ली। दुष्कर्म पीड़ितों, उत्तरजीवियों को राहत और पुनर्वास की योजना के निर्माण की पुनरीक्षा की गई है, क्योंकि पीड़ित के मुआवजे वाला भाग दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 375 के प्रावधान में अधिग्रहित कर लिया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक राज्य सरकार, केंद्र सरकार के समन्वय से दुष्कर्म सहित अपराध की पीड़िता को मुआवजे के उद्देश्य से निधियां उपलब्ध कराने की योजना तैयार करेगी। अब तक 20 राज्यों और सात संघ शासित प्रदेशों ने पीड़ित मुआवजा योजना तैयार की है।
महिला और बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री कृष्णा तीरथ ने बताया कि उनका मंत्रालय दुष्कर्म पीड़ितों तथा कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रही महिलाओं के पुनर्वास के लिए स्वाधार और अल्पावास गृह योजना भी चला रहा है। निर्भया निधि आर्थिक कार्य-विभाग से अभिशासित है, इसमें 1000 करोड़ रूपए की राशि डाली गई है। सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग और गृह मंत्रालय ने निर्भया निधि से निधियन के लिए न्यूनतम कार्रवाई समय में, विपदा के समय कॉल पर कार्रवाई करने के लिए, पुलिस प्रशासन के समर्थित एकीकरण और उचित सॉफ्टवेयर फ्री डाउनलोडिंग के माध्यम से विद्यमान हैंडसेटों में, एसओएस अलर्ट प्रणाली उपलब्ध कराकर, सभी मोबाइल हैंडसेटों में एसओएस अलर्ट बटनों के आवश्यक प्रावधान लागू करने हेतु स्कीम भेजी है। इसके अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी निर्भया निधि से निधियन के लिए 'देश में सड़क परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा' की एक स्कीम भेजी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने भी एक कार्यक्रम 'शुभ' भेजा है।