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जननी सुरक्षा, स्मार्ट कार्ड, राजस्व की समीक्षा

जिलाधिकारी ने समय-सीमा और जवाबदेही सुनिश्चित की

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 30 December 2013 10:15:33 PM

dm bijnor

बिजनौर। जिलाधिकारी अजयदीप सिंह ने जननी सुरक्षा, स्मार्ट कार्ड और राजस्व वसूली की समीक्षा करते हुए समय-सीमा और जवाबदेही सुनिश्चित की है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से कहा है कि जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीपीएल परिवारों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लायी जाए, ताकि निर्धारित समय में शत-प्रतिशत कार्ड बनाया जाना संभव हो सके। इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वे जिले में जननी सुरक्षा योजना का अधिक से अधिक लाभ जनसामान्य तक पहुंचाना सुनिश्चित करें और समस्त प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव की सुविधाएं हर समय तैयार रखी जाएं, ताकि किसी भी समय गर्भवती महिला का सुविधापूर्वक प्रसव सुनिश्चित कराया जा सके।
जिलाधिकारी ने कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक करते हुए कहा कि शासन की समस्त स्वास्थ्य योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ जन सामान्य को पहुंचे इसके लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य विभाग पूरी संदेनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करे। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना में अधिक प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि समस्त प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने तथा नवजात शिशु के टीकाकरण करने की तमाम सुविधाएं अद्यतन रखी जाएं और प्रसव के उपरांत महिला को घर जाने से पूर्व शासन द्वारा निर्धारित धनराशि का चैक उपलब्ध कराएं। उन्होंने अंधता निवारण कार्यक्रम की धीमी प्रगति पर संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि इस कार्यक्रम को और अधिक सार्थक बनाने के लिए कैंपों का आयोजन किया जाए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा में जिलाधिकारी ने पाया कि कार्यदायी संस्था ने मात्र 61 प्रतिशत ही प्रगति की है, जो कि मानक से बहुत कम है। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि संस्था के साथ अपेक्षित सहयोग कर स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लायी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम स्तर पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से शत-प्रतिशत बीपीएल परिवारों के र्स्माट कार्ड बनाने की कार्रवाई अमल में लाई जाए और जिले में एक भी पात्र परिवार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ वंचित न रहने पाए। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि वे स्वास्थ्य योजनाओं में आवंटित बजट का गुणवत्ता के साथ उपयोग करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने बैंकर्स की बैठक भी ली और बैठक में नहीं आने वाले बैंकर्स के प्रति नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने तहसीलदारों एवं जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को निर्देश दिए कि सूचना के बावजूद बैठक में उपस्थित न होने वाले बैंकर्स के विरूद्व उनकी ओर उनके उच्च अधिकारियों को लिखें तथा जिला प्रशासन के प्रति उनकी लापरवाही को संज्ञान में लाएं। उन्होंने बैंकर्स और तहसीलदारों से कहा कि सामन्जस्य स्थापित कर आरसी के आंकड़ों को एकरूपता प्रदान करें, ताकि सुव्यवस्थित रूप से रिकवरी की कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उन्होंने बैंकर्स को यह भी निर्देश दिए कि तहसील को प्रेषित की जाने वाली आरसी, वकील अथवा व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध न करायी जाए, बल्कि उसे डाक से संबंधित तहसील को भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए।
अजयदीप सिंह ने समीक्षा में पाया कि जिले में 132 करोड़ रूपये से अधिक का बैंक देय बकाया है, जिसकी वसूली के लिए 14792 आरसी जारी की गयी हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 22.47 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया का31.20 करोड़, केनरा बैंक 6.55, आईसीआईसीआई बैंक 17.06 करोड़, सर्व यूपी ग्रामीण बैंक 6.40 करोड़ सहित 132 करोड़ की धनराशि बैंक देय के रूप में बकाया है। उन्होंने बैंकर्स को निर्देश दिये कि वे स्वयं या अपने प्रतिनिधि को संबंधित तहसील में भेज कर आरसी और धनराशि का मिलान कराना सुनिश्चित करें, ताकि दोनों के आंकड़ों में एकरूपता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा कि अधिक से अधिक आरसी वसूली के लिए प्रयास करें, ताकि बैंक देय वसूली का लक्ष्य पूरा किया जा सके। बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रामाश्रय, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अग्निहोत्री, जिला विकास अधिकारी अशोक कुमार के अलावा संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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