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'एक देश-एक ग्रिड-एक फ्रिक्वैंसी'

भारतीय विद्युत प्रणाली विश्‍व का सबसे बड़ा ग्रिड

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 January 2014 05:04:29 AM

नई दिल्‍ली। दक्षिणी ग्रिड के राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड से जुड़ जाने से “एक देश-एक ग्रिड-एक फ्रिक्वैंसी” का मिशन पूरा हो गया है। पावर ग्रिड कारपोरेशन के 765 केवी का रायचूर-सोलापुर सिंगल सर्किट ट्रांसमिशन चालू किये जाने से दक्षिणी ग्रिड 31 दिसंबर 2013 की शाम को राष्ट्रीय पावर ग्रिड के साथ जुड़ गया है। विद्युत के 208 सर्किट किलोमीटर की यह लाइन तथा रायचूर और सोलापुर के 765/400 केवी के सब-स्टेशन 815 करोड़ रुपये की लागत से निर्धारित समय 31 मई 2014 से पांच महीने पहले चालू हो गए।
भारतीय विद्युत प्रणाली इसके साथ ही नये युग में प्रवेश कर गई और यह विश्व का सबसे बड़ा ग्रिड हो गया। इसकी स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 232जीडब्ल्यू है। दक्षिणी ग्रिड के राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ जाने से न केवल दक्षिण क्षेत्र की अंतर क्षेत्रीय बिजली देने की क्षमता बढ़ गई है, बल्कि इससे देश का आर्थिक विकास भी होगा। इस लाइन पर बिजली प्रवाह के स्थाई होने में कुछ महीने और लगेंगे। भारतीय बिजली प्रणाली पांच क्षेत्रीय ग्रिड़ों के जरिये काम कर रही है। अब तक उत्तरी ग्रिड, पूर्वी ग्रिड, पश्चिमी ग्रिड तथा उत्तर-पूर्वी ग्रिड आपस में जुड़े थे और दक्षिण ग्रिड को एचबीडीसी लिंक से जोड़ा गया था। 

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