स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 28 January 2014 03:27:59 AM
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने भारत में एयरबस ए-380 की उड़ानों पर से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। अब ए-380 की उड़ानें भारत में उन हवाई अड्डों तक जा सकेंगी, जहां उनकी देखरेख की पूरी व्यवस्था है। इस समय दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बंगलौर के केवल 4 हवाई अड्डों पर ए-380 एयरबस के संचालन के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं हैं। यह फैसला नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, एयर इंडिया और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के साथ आवश्यक परामर्श करने के बाद लिया गया है।
विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय विमान सेवाओं के समझौतों में जो उड़ानें शामिल हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए ही ए-380 विमान की उड़ानें भरी जा सकेंगी। यह भी फैसला लिया गया कि जहां प्रति सप्ताह की सीटों का निर्धारण नहीं है, उसे युक्तिसंगत बनाया जाना चाहिए और भारत के लिए ए-380 की उड़ानों के बारे में अनुमति देने से पहले संबंद्ध देशों के साथ प्रति सप्ताह सीटों की संख्या स्पष्ट की जानी चाहिए। यदि किसी विमान सेवा समझौते में विशेष रूप से भारत के लिए ए-380 की उड़ान पर प्रतिबंध है, तो उस देश से ए-380 की उड़ानों की अनुमति देने से पहले समझौते में संशोधन करना होगा। सप्ताह में उड़ानों की संख्या और सीटों से संबंधित अधिकारों को आपसी बातचीत करके सहमति पत्र के जरिये युक्तिसंगत बनाया जायेगा। ए-380 की उड़ानें शुरू करने से पहले सभी हवाई अड्डों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से प्रमाण पत्र लेना होगा और विभिन्न आवश्यक सेवाओं के लिए पर्याप्त तैयारी करनी होगी।
इन एयरबसों के संचालन से हवाई हड्डों का राजस्व बढ़ेगा, यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा मिलेगी, भारत में नागरिक उड्डयन का परिवेश उदार होगा और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उड्डयन सेवा की छवि बेहतर बनेगी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार सिंगापुर एयरलाइंस, एमिरेट्स और लुफ्थांसा की विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर भारत में ए-380 विमानों की उड़ानों में दिलचस्पी है।