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Saturday 15 February 2014 03:19:00 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में दो सेमीकंडक्टर वेफर फैब्रिकेशन (एफएबी) विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इन एफएबी इकाइयों की स्थापना दो उद्यम संकाय परियोजना से जुड़े व्यापक मानकों के अनुसार करेंगे जो, मैसर्स जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड, बीएम, अमेरिका एवं टॉवर सेमीकंडक्टर लिमिटेड इस्राइल बतौर सहयोगी हैं। परियोजना लागत: 34399 करोड़ रुपये है। तकनीक: 90/65/45/28 नैनो मीटर, क्षमता: 40,000 डब्ल्यूएसपीएम, स्थिति: यमुना एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश है।
दूसरी कंपनी है-मैसर्स एचएसएमसी टेक्नोलॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसटी माइक्रो इलेक्ट्रोनिक्स एवं सिलतिरा मलेशिया एसडीएन बीएचडी बतौर सहयोगी) इसकी परियोजना लागत: 29013 करोड़ रुपये है। तकनीक: 90/65/45/28/22 नैनो मीटर, क्षमता: 40,000 डब्ल्यूएसपीएम और स्थिति: प्रांतिज, गुजरात है। इन दोनों उद्यम संकायों को 31 मार्च 2014 तक आशय पत्र जारी किये जाएंगे और अंतिम समझौते पर अगस्त 2014 तक हस्ताक्षर किये जाने की संभावना है। इस फैसले के मद्देनजर एफएबी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने से जुड़े सभी निर्णयों के बारे में उच्चाधिकार प्राप्त समिति को अधिकृत किया गया है।
प्रस्तावित एफएबी इकाइयों की स्थापना से लगभग 22,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं लगभग एक लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर मिलेंगे। ये एफएबी इकाइयां देश में इलेक्ट्रोनिक्स प्रणाली के डिजाइन एवं उनके निर्माण के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ये देश में इलेक्ट्रोनिक्स प्रणाली के डिजाइन एवं उनके निर्माण में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में काम करेंगी। ये एफएबी इकाइयां पूरी तरह स्थापित होने के बाद पूंजी प्रवाह एवं तकनीकी क्षमता को प्रोत्साहित करेंगी, रोज़गार के अवसरों का सृजन करेंगी, देश में बनाए जाने वाले इलेक्ट्रोनिक उत्पादों की विदेशों में मांग में बढ़ोतरी करेंगी एवं आयात पर निर्भरता कम करते हुए नवाचार को बढ़ावा देंगी।
इसमें जिन प्रोत्साहनकारी प्रयासों को शामिल किया गया है वे हैं-संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना नीति के तहत स्वीकार्य पूंजी लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी एवं कर की प्रतिपूर्ति। नॉन कवर्ड कैपिटल आयटम्स के लिए बेसिक कस्टम डयूटी में छूट। आयकर कानून की धारा 35 (2 एबी) के तहतशोध एवं विकास कार्यों पर खर्च में 200 स्वीकार्य प्रतिशत कटौती। आयकर कानून की धारा 35 (एडी) के तहत निवेश से जुड़ी कटौती। प्रत्येक को ब्याज मुक्त लगभग 5124 करोड़ रुपये का ऋण।