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Saturday 24 October 2015 04:57:28 AM
नई दिल्ली। सतर्कता जागरूकता सप्ताह 26 से 31 अक्तूबर 2015 तक मनाया जा रहा है। इस वर्ष सतर्कता जागरूकता का विषय है-'सुशासन के लिए साधन के रूप में सुरक्षात्मक सतर्कता'। केंद्रीय सतर्कता आयोग, सुरक्षात्मक सतर्कता और इस बिंदु पर जोर दे रहा है कि सतर्कता को अलग से नहीं, बल्कि इसे सुशासन तथा बेहतर प्रक्रिया संबंधी परिणाम हासिल करने में साधन के रूप में देखा जाए। सत्यनिष्ठ व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर प्रतिवर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग का नई दिल्ली में एक पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया गया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने कहा कि 'दंडात्मक सतर्कता' से अधिक 'सुरक्षात्मक सतर्कता' पर जोर दिया जाना चाहिए, निर्धारित प्रक्रियाओं से अलग अगर कुछ होता है, तो उस मामले में सचेत करने के लिए प्रणालियां और प्रक्रियाएं तैयार की जानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि गलत कार्य पर रोक लगाने के लिए प्रणाली में बदलाव लाना महत्वपूर्ण है। लंबित और देरी के मामलों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में देरी होती है, उन्हें चिन्हित करने की आवश्यकता है और आवेदनों, उनके मानदंडों तथा अन्य संबंधित मामलों से निपटने के बारे में प्रक्रियाओं और एसओपी को व्यवस्थित कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। भ्रष्टाचार के बारें में समझाते हुए उन्होंने कहा कि केवल पैसा देना ही भ्रष्टाचार नहीं है, बल्कि इसमें वे सभी कार्य शामिल हैं, जहां पर प्रक्रियाओं के साथ समझौता किया जाता है।
केवी चौधरी ने कहा कि ने कहा कि अब मुख्य सतर्कता अधिकारी, आयोग की वेबसाइट के जरिए उनके संगठनों से संबंधित मामलों में विलंब के बारे में जान सकते है, जिसके कारण मामलों का निपटान में तेजी आई है और लंबित मामलों की संख्या कम हो गई है। आयोग, मुख्य सतर्कता अधिकारियों के कार्य पर भी नज़र रख सकता है। आयोग का मुख्य ध्यान लंबित मामलों को कम करने पर है। अभियोजन के लिए 30 जून 2015 को लंबित 28 मामले (4 महीने से अधिक पुराने) थे, जो दो महीने में 31 अगस्त 2015 को घटकर 15 रह गए। उन्होंने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य भ्रष्टाचार के गलत प्रभाव के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मुख्य सतर्कता अधिकारी स्कूल और कॉलेज स्तर पर व्याख्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं तक सुरक्षात्मक सतर्कता का संदेश जाएगा, जो बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित करने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि आयोग के अधिकारियों और मुख्य सतर्कता अधिकारियों के कौशल और क्षमता बढ़ाने के लिए देश और विदेश में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
सतर्कता आयोग ने ज्ञान प्रबंधन अभ्यास के रूप में एक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत सतर्कता और शासन में सुधार से संबंधित विषय पर अपने अधिकारियों और सभी मुख्य सतर्कता अधिकारियों को संबोधित करने के लिए प्रति माह एक प्रसिद्ध व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा कि आयोग का मुख्य कार्य, मुख्य सतर्कता अधिकारियों और लोगों से प्राप्त सुझावों का विश्लेषण करना है। सीवीसी ने मीडिया से आग्रह किया कि वे इस मामले में जनता के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाए। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष आयोग को जनता से कई शिकायतें मिलती है, लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जानी चाहिए, ताकि शिकायत उचित प्राधिकारी को की जाए और त्वरित कार्रवाई की जा सके। सुरक्षात्मक सतर्कता पर जोर देते हुए सतर्कता आयुक्त टीएम भसीन ने कहा कि उपचार से रोकथाम बेहतर है। उन्होंने कहा कि तहकीकात संबंधी सतर्कता में समय लगता है और इससे कर्मचारियों के मनोबल पर भी प्रभाव पड़ता है, इसलिए तहकीकात संबंधी सतर्कता की तुलना में सुरक्षात्मक सतर्कता को महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह का विषय केवल एक सप्ताह के लिए ही नहीं, बल्कि यह इसके नियमित और सक्रिय प्रक्रियाओं के लिए अगले एक वर्ष के लिए होगा।
टीएम भसीन ने कहा कि सभी सरकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, स्वायत्त संस्थानों और स्थानीय निकायों में 26 अक्तूबर 2015 को सुबह 11 बजे शपथ लेकर सतर्कता जागरूकता सप्ताह शुरू किया जाएगा। समाचारों पत्रों में बैनर, पोस्टर, विज्ञापन प्रदर्शित करने की नियमित गतिविधियों और सरकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों के संगठनों में व्याख्यान, पैनल चर्चा और प्रतियोगिता जैसी गतिविधियों के अलावा आयोग, इस वर्ष बड़े पैमाने पर कॉलेज और स्कूल छात्रों के बीच भी जाएगा। देशभर के 135 शहरों कस्बों में विचार-विमर्श, वाग्मिता और व्याख्यान आयोजित किए जा रहे हैं और 101 संगठनों के मुख्य सतर्कता अधिकारी इन प्रतियोगिताओं को आयोजित करने में जुटे हैं और प्रत्येक सीवीओ को कुछ शहरों, कस्बों में यह कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि कम-से-कम तीन कॉलेजों और दो स्कूलों में यह प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं।
देशभर के 2000 कॉलेजों और स्कूलों में प्रतियोगिताएं आयोजित किए जाने की उम्मीद है। दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलूरू, पुणे, विजयवाड़ा और अहमदाबाद सहित देशभर के शहरों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सतर्कता जागरूक सप्ताह के दौरान कार्यक्रम आयोजित करने वाले शैक्षणिक संस्थानों में दिल्ली के हिंदू कॉलेज, लेडी श्रीराम कॉलेज, सेंट स्टीफन कॉलेज, आईआईटी, चेन्नई की अन्ना तथा एसआरएम यूनिवर्सिटी, मुंबई का एनएनआईएमएस कॉलेज, कोलकाता का बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान और अहमदाबाद की गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शामिल है।