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Saturday 26 December 2015 05:35:48 AM
जयपुर। भारतीय पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित कर जन-जन तक प्रचारित एवं प्रसारित करने में लगी संस्था क्रीड़ा भारती के त्रिदिवसीय राष्ट्रीय खेल संगम का प्रारंभ केशव विद्यापीठ जामडोली जयपुर में दीप प्रज्जवलन से हुआ। कार्यक्रम के संयोजक रामानंद चौधरी ने बताया कि इसमें देश के 500 जिलों से आए 1100 से अधिक कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम तीन दिन का है, जिसमें भारतीय पारंपरिक खेलों के विकास पर चर्चा हो रही है, इसके साथ ही देशभर से चुनी कबड्डी, रस्साकसी आदि टीमों के मध्य प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं।
राजस्थान सरकार में खेल एवं उद्योग मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने 'पहला सुख निरोगी काया' कहावत के महत्व को समझाते हुए बचपन से ही खेलते रहकर स्वस्थ बनने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास में माता-पिता का पूर्ण योगदान रहता है, पढ़ाई के साथ-साथ खेलों के लिए भी समय देना चाहिए, प्रतिदिन कम से कम एक घंटा व्यायाम अवश्य करना चाहिए। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने क्रीड़ा भारती को भारतीय पारंपरिक खेलों को पूरे देश में प्रचारित करने के लिए साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि खेलने से शारीरिक व मानसिक विकास के साथ-साथ संगठित होने की प्रेरणा और शक्ति मिलती है, टीम भावना का विकास होता है। अशोक परनामी ने कहा कि क्रीड़ा भारती ने कबड्डी को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पंहुचाया है, राजस्थान सरकार भी खेलों को प्रोत्साहन दे रही है।
क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अर्जुन पुरस्कार विजेता चेतन चौहान ने बताया कि प्रथम बार 1992 में प्रारंभ हुई क्रीड़ा भारती के भारत में वर्ष 2009 से अब तक 500 जिलों में खेल कार्यक्रमों की शुरूआत हो चुकी है और दो वर्ष में शेष जिलों में भी खेल कार्यक्रमों का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारे खिलाड़ी हैं, किंतु उन्हें प्रोत्साहन एवं सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, क्रीड़ा भारती के कार्यकर्ता सरकार एवं संस्थाओं के सहयोग से ऐसे खिलाड़ियों को आगे लाने का काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में महाप्रबंधक एसबीबीजे बी श्रीनिवासन, क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नारायण सिंह राणा, चैतन्य कश्यप, महामंत्री राज चौधरी, क्रीड़ा भारती के प्रदेशाध्यक्ष गोपाल सैनी, जयपुर अध्यक्ष उदयकांत मिश्रा और प्रचार प्रभारी रणजीत सिंह उपस्थित थे।