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Tuesday 26 April 2016 04:10:10 AM
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मुंबई के यशवंत राव चव्हाण प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के मराठी भाषी संस्मरण संग्रह चरैवेती! चरैवेती!! का विमोचन किया। इस अवसर पर लोकसभा के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे मनोहर जोशी, मुख्यमंत्री एवं केंद्र्रीय गृहमंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे, दैनिक समाचार पत्र सकाळ के समूह संपादक श्रीराम पवार, राज्यपाल राम नाईक के परिजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि राज्यपाल के संस्मरण मुंबई के दैनिक समाचार पत्र सकाळ में पाक्षिक रूप से स्तंभ के रूप में निरंतर प्रकाशित होते रहे हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मेहनत और ईमानदारी की राह पर चलकर आम आदमी भी देश का नेता बन सकता है, यह विश्वास मेरे जीवन के संस्मरण दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति समाज सेवा का एक सशक्त माध्यम है, लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ जनता की छोटी से छोटी समस्या को समझकर उसका समाधान करना आदर्श राजनीति के उच्च मापदंड हैं। उन्होंने कहा कि स्वहित से ऊपर उठकर सर्वहित का ध्यान रखना ही स्वस्थ राजनीति की पहचान है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने राम नाईक की सराहना करते हुए कहा कि राजनीति में कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं, जहां आप अपने आप विनम्र हो जाते हैं, राम नाईक उनमें से एक हैं, वे लोकप्रिय नेता होने के साथ भारतीय जनता पार्टी में शायद पहले राष्ट्रीय नेता रहे हैं, जिन्होंने नई पीढ़ी को मौका देने के लिए स्वयं चुनावी राजनीति का त्याग किया।
राम नाईक महाराष्ट्र के सूखा पीड़ित देहात आटपाडी के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता एक स्कूल में मुख्य अध्यापक थे। पिता के आकस्मिक देहांत के कारण कम उम्र में ही पूरे परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी, परंतु सकारात्मक सोच के साथ विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए वे आगे बढ़ते गए। राजनीति में आए और उसके माध्यम से देश सेवा का उन्होंने संकल्प लिया। अपने कर्मयोग से कुछ ही वर्ष में राजनीति में अपना स्थान बनाकर वे विधायक, सांसद एवं केंद्रीय मंत्री बने और आज उत्तर प्र्रदेश के राज्यपाल हैं। जनहित से जुड़े छोटे से छोटे मामले को उठाकर उन्होंने जनता के बीच अपनी पहचान बनाई है, वे लोकसभा चुनाव हारे, परंतु अडिग विश्वास के साथ जनहित के कार्यों में लगे रहे। राज्यपाल राम नाईक ने समाचार पत्र सकाळ में अपने संस्मरण बड़ी रोचक शैली में लिखे हैं, जिसकी पाठकों ने प्रशंसा की तथा सुझाव दिए कि संस्मरणों को एक पुस्तक का भी रूप प्रदान किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे मनोहर जोशी और सुशील कुमार शिंदे ने भी राम नाईक के जीवन व्यक्तित्व, राजनीतिक और सामाजिक अपने विचार व्यक्त करते हुए राम नाईक के साथ मुंबई एवं लोकसभा में साथ बिताए हुए दिनों के संस्मरण साझा किए। सुशील कुमार शिंदे ने सुझाव दिया कि संस्मरण संग्रह का सभी भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए, जिसका मनोहर जोशी ने भी पूरी गर्मजोशी से समर्थन किया। प्रकाशक आनंद लिमये ने कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन दिया तथा संयोजक आशीष शेलार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।