स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 9 May 2016 07:07:58 AM
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कल खादी हाट का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में हमारी पीढ़ी की कोई भागीदारी नहीं थी, परंतु उसका खामियाजा हम भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का भविष्य भारतीय संविधान में ही सुरक्षित है, जिस किसी ने भी कश्मीर का विलय भारत में किया है, वह सुरक्षित फैसला था। खादी हाट के समारोह में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र मौजूद थे। महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के विभाजन को 65 वर्ष हो गए हैं, किंतु कश्मीर में अस्थिरता अब भी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हैं कि वो हमें इस मुसीबत से निकालें। उन्होंने कहा कि अस्थिर माहौल के कारण कश्मीर, पर्यटन क्षेत्र में अपनी क्षमताओं का लाभ नहीं उठा पा रहा है। महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में अराजकता कायम है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मेरे पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोग से पाकिस्तान और भारत के बीच बस सेवा शुरू की गई थी, किंतु ये भाईचारा अधिक दिन तक कायम नहीं रह सका, इसके आलावा और भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जिससे दोनों देशों में सौहार्द पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान जाकर एक ऐतहासिक कदम उठाया, लेकिन दोनों देशों में ऐसे लोग हैं, जो भारत-पाकिस्तान के रिश्ते में सुधार नहीं होने देना चाहते हैं, इसके लिए विपक्षी पार्टियां जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता कश्मीर के भारत में विलय को सही मानते थे और मैं भी इस बात से सहमत हूं और आपको विश्वास दिलाता हूं कि मेरा इरादा कभी नहीं बदलेगा, कश्मीर भारत का था, भारत का है और भारत की ही रहेगा।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने इससे पहले श्रीनगर में रविवार को एक समारोह में हरमुख खादी ग्रामोद्योग संस्थान का उद्घाटन किया, जो एक कताई एवं बुनाई केंद्र तथा खादी वस्तुओं के लिए मार्केटिंग प्लाजा है। कलराज मिश्र ने सौरा स्थित 90 फीट रोड पर श्रीनगर के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के समारोह के दौरान स्थानीय कारीगरों के बीच 25 नए प्रकार के चरखों का भी वितरण किया। कलराज मिश्र ने कहा कि चरखा प्रतिरोध का एक प्रतीक है और यह आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों के अधिकतम संख्या में बेरोज़गार युवकों एवं महिलाओं की सहायता कर सकता है।
कलराज मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर राज्य को सभी प्रकार की सहायता मुहैया करा रही है। उन्होंने राज्य सरकार से आगे आने तथा नई दिल्ली से अधिकतम सहायता मांगने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, जम्मू एवं कश्मीर की प्रगति के लिए तत्पर और इच्छुक है। जम्मू एवं कश्मीर के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंदर प्रकाश गंगा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र को सहायतापूर्ण बर्ताव एवं जम्मू एवं कश्मीर के प्रति मदद के दृष्टिकोण के लिए धन्यवाद दिया और केंद्रीय मंत्रालय से राज्य के लिए लक्ष्य में भी वृद्धि करने का आग्रह किया, जिससे स्थानीय कारीगरों को लाभ पहुंच सके। केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के साथ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना एवं एमएसएमई मंत्रालय में सचिव केके जालान भी थे।
वर्ष 2015-16 के दौरान जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री के रोज़गार सृजन कार्यक्रम के लिए राज्य के कार्य की सराहना करते हुए उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य में 3,772 पीएमईजीपी ईकाइयों में 23,140 लोगों को रोज़गार दिया गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2200 से ज्यादा पीएमईजीपी इकाइयों में रिकॉर्ड संख्या दर्ज करते हुए दो वर्ष में सहायता के लिए करीब 38 करोड़ रुपए की धनराशि उपयोग में लाई गई है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में 92,508 पीएमईजीपी इकाइयों की स्थापना से पिछले दो वर्ष में 6,80,000 लोगों को रोज़गार दिया गया है, जिनमें से 23,140 लोगों को जम्मू-कश्मीर राज्य की 3,772 इकाइयों में रोज़गार दिया गया। उन्होंने होटल प्रबंधन राजबाघ संस्थान में पीएमईजीपी कार्यशाला का शुभारंभ किया और प्रतिभागियों को संबोधित किया।
उद्यम मंत्री ने कहा कि 29 मई 2015 की राजपत्र अधिसूचना में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए पुनरुद्धार और पुनर्वास का प्रारूप अधिसूचित किया गया है, जो एमएसएमई के संरक्षण और विकास को सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक सरल और त्वरित तंत्र है। कलराज मिश्र ने कहा कि उनके मंत्रालय ने शिकायत निवारण की एक पारदर्शी प्रणाली विकसित की है और यह केंद्रीकृत तंत्र लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली पर सभी शिकायतों को दर्ज करके उनका निवारण करता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी केंद्र प्रणाली कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व बैंक की सहायता से देश के विभिन्न भागों में 15 नए प्रौद्योगिक केंद्रों को स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी ऐसा ही एक केंद्र स्थापित किया जा रहा है। कलराज मिश्र ने कहा कि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए उद्यमों को एक वेब आधारित अनुप्रयोग मॉड्यूल ‘माई एमएसएमई’ की सुविधा दी गई है, जिसे मोबाइल एप्प में परिवर्तित किया जा रहा है।
कलराज मिश्र ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय हमेशा से हितधारकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि उद्योग आधार ज्ञापन पर 6,50,000 से ज्यादा इकाइयों को पहले से ही पंजीकृत किया जा चुका है और 22,00 करोड़ रुपए की लागत से 15 नए प्रौद्योगिकी केंद्र सामने आ रहे हैं, जिनमें से एक राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित आईजीसी साम्बा में स्थित होगा। कलराज मिश्र कहा कि जम्मू और कश्मीर उनके मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का अधिकतम इस्तेमाल नहीं कर पाया है। उन्होंने राज्य सरकार से और अधिक प्रस्ताव देने को कहा ताकि अधिक सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि समाज के सभी तबकों को मुख्य धारा में लाया जाए। इससे पूर्व खादी संघ के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार वित्तीय वर्ष के प्रथम माह में 155 करोड़ रुपए का एमडीए जारी किया जा चुका है। केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने श्रीनगर में प्रथम राष्ट्रीय खादी प्रदर्शनी और मार्केटिंग प्लाजा का भी उद्घाटन किया। शनिवार को केंद्रीय मंत्री ने हरमुख खादी ग्रामोद्योग संस्थान का उद्घाटन किया था।