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Saturday 18 June 2016 06:29:21 AM
हैदराबाद। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, एयर चीफ ऑफ स्टाफ एयर चीफ मार्शल अरूप राहा, सैन्याधिकारियों और अभिभावकों की मौजूदगी में फ्लाइंग वायुसेना अकादमी हैदराबाद में तीन नई कमीशन महिला लड़ाकू पायलट अधिकारी फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी, फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ, फ्लाइंग ऑफिसर मोहना सिंह को भारतीय वायुसेना के इतिहास में आज प्रथम महिला फायटर पायलटों के रूप में औपचारिक रूप से कमीशन प्रदान किया गया। सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता के प्रयासों को आगे बढ़ा रहे रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने शहर के बाहरी क्षेत्र डुंडीगल में वायुसेना अकादमी में आयोजित संयुक्त ग्रेजुएशन समारोह में इस आयोजन को एक उपलब्धि बताया और कहा कि यह पहली बार है कि महिलाओं को युद्धक भूमिका दी गई है। उन्होंने कहा कि यह स्वर्णिम अक्षरों वाला दिन है। उन्होंने दावा किया आने वाले वर्ष में सशस्त्र बलों में ‘कदम दर कदम पूर्ण लैंगिक समानता’ हासिल की जाएगी।
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि कुछ तकनीकी एवं प्रशासनिक कठिनाइयां हैं, जिनका हमें चंद क्षेत्रों में सामना करना पड़ सकता है, लिहाजा कदम दर कदम हम यह देखेंगे कि इस समानता को हासिल किया जा सके। संख्या इस बात पर निर्भर करेगी कि हमारी आधारभूत सुविधाओं को देखते हुए हम कितनों को समायोजित कर सकते हैं। अपनी भूमिका और महत्व पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए तीनों महिला लड़ाकू पायलटों ने कहा कि वे अपने को सौभाग्यशाली समझती हैं तथा अपने दायित्वों को संभालने को लेकर उत्साहित हैं। इन तीनों ने भारतीय वायुसेना की विभिन्न शाखाओं में फ्लाइट कैडेटों द्वारा कमीशन पूर्व विभिन्न प्रशिक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इन महिला पायलटों को अब कर्नाटक के बीदर वायुसेना प्रशिक्षण केंद्र जाना है, जहां वे हाक आधुनिक जेट प्रशिक्षण विमानों पर तीसरे चरण का एक वर्ष तक प्रशिक्षण लेंगी, उसके बाद उन्हें सुपरसानिक युद्धक विमान उड़ाने का अवसर मिलेगा।
भारत सरकार ने पिछले साल अक्तूबर में भारतीय वायुसेना को महिलाओं को फायटर पायलट बनाने के लिए अनुमति देकर ऐतिहासिक कदम उठाया था। फायटर पायलट बनने के लिए छह महिला कैडेटों के बीच मुकाबला था। बहरहाल केवल तीन महिला प्रशिक्षुओं को इस प्रशिक्षण के लिए चुना गया। रक्षामंत्री ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली और राष्ट्रपति की ओर से 130 फ्लाइट कैडेटों को ‘राष्ट्रपति कमीशन’ दिया, इनमें 22 महिला प्रशिक्षु शामिल हैं, जिन्हें फ्लाइंग ऑफिसर्स के रूप में कमीशन दिया गया है। भारतीय वायुसेना अपनी ताकत में दिनोंदिन वृद्धि कर रही है। वायुसेना में महिलाओं की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि भारत में महिलाओं के लिए अवसरों की कमी नहीं है, बल्कि अपनी प्रतिभा को आगे लाने की आवश्यकता है। ये लड़ाकू महिलाएं दूसरी महिलाओं के लिए बड़ी प्रेरणा बन सकती हैं। रक्षामंत्री ने इस क्षेत्र में और अवसरों की बात कह कर महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को मजबूत किया है।