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नीति और विचारधारा की राजनीति हो-अखिलेश

वरिष्ठ पत्रकार वासिंद्र मिश्र की दो किताबों का हुअा विमोचन

'उत्तर प्रदेश में महिलाएं और राज्यों से ज्यादा सुरक्षित'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 29 July 2016 10:42:12 AM

akhilesh yadav releasing books of senior journalist vasindra mishra

लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बड़े सपने को साकार करने के लिए सच और साहस के साथ प्रयास करना जरूरी है। अखिलेश यादव ने आज यहां सरकारी आवास पर वरिष्ठ पत्रकार वासिंद्र मिश्र की दो पुस्तकों ‘सच के मुक़ाबिल’ तथा ‘एनकाउंटर विद पॉलिटिक्स’ का विमोचन करते हुए ये विचार व्यक्त किए। पुस्तकों के संदर्भ और उनपर विभिन्न वक्ताओं के विचारों और टिप्पणियों का विश्लेषणात्मक संज्ञान लेते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका में नीति और विचारधारा की राजनीति होती है, जबकि हमारे यहा इसके विपरीत देश में घटनाओं पर राजनीति की जाती है और कभी-कभी घटनाओं का निचोड़ भी निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि बेहतर करने के लिए प्रतिस्पर्धी भाव का विकास एक सकारात्मक कदम है, विभिन्न राज्य श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए कॉंप्टीशन करते हैं, तो उसका अंततोगत्वा लाभ जनता को ही मिलता है।
अखिलेश यादव ने उनके सामने प्रकट किए गए पत्रकार, कानूनविद्, शिक्षाविद् और राजनीतिज्ञ के विचारों के संदर्भ में कहा कि उत्तर प्रदेश देश की राजनीति की दिशा और दशा तय करता है, इसलिए इस राज्य पर सभी की नज़र रहती है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य की स्थिति पर उठाए जा रहे सवालों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि बदायूं की एक घटना यूएन तक पहुंच गई, जबकि उसकी सच्चाई कुछ और थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पर नियंत्रण की स्थिति को विभिन्न राज्यों से बहुत अच्छी बताते हुए कहा कि ‘1090’ विमेन पावर लाइन ने महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को बढ़ाने का काम किया है, कोई भी व्यक्ति इस सेवा से मदद पाने वाली 3 लाख से ज्यादा महिलाओं से इस तथ्य की पुष्टि कर सकता है। पुस्तक लेखन कार्य के लिए वासिंद्र मिश्र के प्रयासों की सराहना करते हुए अखिलेश यादव ने उम्मीद जताई कि ये पुस्तकें राजनीति, राजनेताओं और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय सभी लोगों के लिए उपयोगी साबित होंगी।
वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव ने कहा कि पत्रकार का लेखन आने वाली पीढ़ियों के लिए दस्तावेज़ की भूमिका निभाता है। उन्होंने पुस्तक के कंटेंट पर समीक्षात्मक विचार प्रकट किए और उनके सटीक प्रस्तुतिकरण के लिए वासिंद्र मिश्र को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा पत्रकार बनने के लिए एक से अधिक भाषा का ज्ञान जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे समाचारपत्रों और समाचार चैनलों में वेतनभत्तों के मामलों में पत्रकारों के शोषण पर जरूर कार्रवाई करें। पूर्व न्यायाधीश चंद्रभूषण पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि जिम्मेदारी के पदों पर बैठे लोगों को सच को ताकत देनी चाहिए। उन्होंने लोकतंत्र में आलोचक को सम्मान देने की विलुप्त परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और दायित्वों पर भी अपनी राय प्रकट की। कम्युनिस्ट नेता अतुल कुमार अंजान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति, घटनाओं, अखिलेश सरकार के कामकाज और आगामी विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि वे राज्य में वैचारिक समानता वालों को एकत्र कर उनका साथ लेने का काम करें। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है।
उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष एवं कवि गोपालदास ‘नीरज’ ने वासिंद्र मिश्र की पुस्तकों के महत्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि व्यक्ति के पास किताबें हैं, तो उसके पास जीवन है। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बिंदा प्रसाद मिश्र ने भ्रटाचार पर गहरी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि शिक्षा को महत्व देना प्रत्येक बुद्धिजीवी एवं मनीषी का सर्वोपरि दायित्व है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और अतिथियों का स्वागत करते हुए वासिंद्र मिश्र ने पुस्तकों के विमोचन के संबंध में नेताजी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव से अपने पारिवारिक एवं भावनात्मक संबंधों का उल्लेख किया और कहा कि पिछले 4-5 साल के अपने विचारों को उन्होंने इन पुस्तकों में शामिल किया है, जिनमें क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय घटनाएं तथा सार्वजनिक जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दे सम्मिलित हैं। इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, सूचना निदेशक सुधेश कुमार ओझा, शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ निशीथ राय, सूचना सलाहकार एएम खान, मीडियाकर्मी औरगणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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