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Friday 30 September 2016 05:02:10 AM
नई दिल्ली। भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने एक प्रेस वक्तव्य में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की घुसपैठ लगातार जारी है, जो क्रमश: पुंछ और उरी में 11 और 18 सितंबर को हुए आतंकवादी हमलों के रूप में परिलक्षित हुई है। डीजीएमओ ने कहा कि भारतीय सेना ने इस वर्ष नियंत्रण रेखा पर करीब 20 घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम करने में सफलता प्राप्त की है, जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। उन्होंने बताया कि भारत में आतंकवादी हमलों और घुसपैठ की कोशिशों के दौरान हमें कई ऐसी चीजें जैसे जीपीएस और अन्य सामान मिले हैं, जिनका सीधा संबंध पाकिस्तान से है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रहने वाले पकड़े गए आतंकवादियों ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें प्रशिक्षण और हथियार पाकिस्तान में या पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाके से मिले हैं।
डीजीएमओ ने बताया कि हमने यह मामला उच्चतम राजनयिक स्तर पर और सैन्य चैनलों के माध्यम से भी उठाया था, भारत ने अपने बयान को सत्यापित करने के लिए पाकिस्तान के गिरफ्तार आतंकवादियों को पाकिस्तानी दूतावास के सामने पेश करने की पेशकश की है, इसके साथ ही हमने यह भी प्रस्ताव दिया था कि हम पुंछ और उरी में मारे गए आतंकवादियों के उंगलियों के निशान और डीएनए के नमूने जांच के लिए पाकिस्तान को उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लगातार आग्रह के बावजूद पाकिस्तान ने जनवरी 2004 में की गई अपनी प्रतिबद्धता कि पाकिस्तान अपनी जमीन या अपने नियंत्रण में आने वाले इलाके को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल की इजाजत नहीं देगा, का सम्मान करना चाहिए, लेकिन नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ में आतंकवादियों को निष्क्रिय करना बहुस्तरीय जवाबी घुसपैठ ग्रिड में तैनात हमारे सैनिकों के प्रयासों की वजह से था, जिन्होंने आतंकवादियों की घुसपैठ को निष्क्रिय करने में सफलता दिलाई। उन्होंने कहा कि मौजूदा खतरे को देखते हुए भारतीय सशस्त्र बलों को अत्यधिक सतर्क कर दिया गया है।
डीजीएमओ ने बताया कि विशिष्ट और विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर कि कुछ आतंकवादी घुसपैठ करने के लिए नियंत्रण रेखा पर तैयार हैं, जो जम्मू-कश्मीर और दूसरे महानगरों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देंगे, ऐसे में भारतीय सेना ने सर्जिकल हमले करते हुए आतंकवादियों के घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया है। उन्होंने बताया कि हमारा यह अभियान इस पर केंद्रित था कि ये आतंकवादी किसी भी सूरत में अपने मंसूबों में कामयाब न होने पाएं। डीजीएमओ ने बताया कि आतंकवादियों के खिलाफ इस अभियान के दौरान आतंकवादियों को तो नुकसान पहुंचाया ही गया, साथ ही उनको समर्थन देने वालों को भी बख्शा नहीं गया है, आतंकवादियों को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से इस काम को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
डीजीएमओ ने बताया कि मैं पाकिस्तान सेना के डीजीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हूं और हमने उन्हें इस बारे में अवगत करा दिया है कि इस क्षेत्र में शांति और सौहार्द बनाए रखने की भारत की मंशा है, लेकिन किसी भी सूरत में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों को हम अपने देश के नागरिकों पर हमले की अनुमति नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान को जनवरी 2004 में की गई प्रतिबद्धता कि पाकिस्तान अपनी जमीन या अपने नियंत्रण में आने वाले इलाके को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल की इजाजत नहीं देगा को याद दिलाना चाहते हैं और हम पाकिस्तानी सेना से यह आशा करते हैं कि वह इस क्षेत्र से आतंकवाद को मिटाने में हमारा सहयोग करे।