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Friday 4 November 2016 04:22:31 AM
काठमांडू। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नेपाल की राजधानी काठमांडू में काठमांडू म्यूनिसिपल सिटी की ओर से नागरिक अभिनंदन किया गया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि काठमांडू केवल नेपाल की राजनीतिक राजधानी ही नहीं, बल्कि हमारे क्षेत्र के लोगों के लिए आध्यात्मिक केंद्र भी है। उन्होंने कहा कि मेरी नेपाल यात्रा एक प्रकार की तीर्थयात्रा है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच समझदारी और सहयोग को प्रोत्साहित करना एक मिशन है, विश्व में भारत और नेपाल की तरह कोई दो ऐसे देश नहीं जिनकी संस्कृति साझा रही और सीमाएं खुली हैं, भारत सरकार और भारत की जनता इस संबंध को प्रगाढ़ बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान नेपाल के नेताओं और नेपाल की जनता से प्राप्त समर्थन को हृदय से याद करता है। उन्होंने कहा कि भारत, नेपाल के संविधान को लागू करने के महत्वपूर्ण कार्य में नेपाल की जनता और नेपाल की सरकार की सफलता की कामना करता है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि दो विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में भारत-नेपाल अपने देशों तथा क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि और सतत विकास का विजन साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि हमारी जनता की आकांक्षाओं और उन्हें गुणवत्ता संपन्न जीवन देने के लिए आर्थिक प्रगति, शांति और स्थिरता को प्रोत्साहित करने पर फोकस करना चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पशुपतिनाथ मंदिर में महादेव के दर्शन किए और पशुपतिनाथ मंदिर की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि उत्कृष्ट, सांस्कृतिक, धार्मिक तथा ऐतिहासिक महत्व के पवित्र पशुपतिनाथ मंदिर में एक बार फिर आकर मुझे अपार हर्ष हुआ, मैं विशेष पूजा में भाग लेकर आनंदित हुआ और मेरी यात्रा के लिए किए गए प्रबंधों के लिए मंदिर के ट्रस्ट को धन्यवाद। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत सरकार नेपाल-भारत मैत्री पशुपतिनाथ धर्मशाला परियोजना की स्थापना में सहायता देगी, यह परियोजना लागू की जा रही है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मुझे अपनी राजकीय यात्रा के दौरान यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत सरकार मंदिर क्षेत्र के आसपास के घाटों के कायाकल्प और उन्नति में सहायता देगी। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मैं भारत और नेपाल के श्रृद्धालुओं के पूजनीय पशुपतिनाथ मंदिर के संरक्षण में किए जा रहे प्रयासों के लिए पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास न्यास को शुभकामना देता हूं। काठमांडू विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी। उन्होंने कुलपति डॉ रामाकंठ मकाजू श्रेष्ठ, सीनेट के सदस्यों और काठमांडू विश्वविद्यालय की फैकल्टी को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं मित्रता के इस भाव प्रदर्शन को मूल्यवान समझते हुए इसे भारत की जनता की ओर से स्वीकार करते करता हूं। प्रणब मुखर्जी ने काठमांडू विश्वविद्यालय की रजत जयंति की बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने 25 वर्ष की कम अवधि में नेपाल में उच्चशिक्षा के केंद्र के रूप में अपने आपको स्थापित कर लिया है और कला-विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन तथा कानून में पाठ्यक्रम चला रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का इतिहास शानदार रहा है और यहां नेपाल और पड़ोस के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि गुणवत्ता संपन्न शिक्षा तथा कौशल उद्देश्य के साथ काठमांडू विश्वविद्यालय में क्षेत्र का श्रेष्ठ अकादमिक केंद्र बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि आज विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनाने की आवश्यकता है, एक समय था, जब इस क्षेत्र में तक्षशिला और नालंदा जैसे शिक्षा केंद्र थे, जिसमें पूरी दुनिया से लोग पढ़ने आते थे, इस क्षेत्र के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की प्रतीभा काफी है, लेकिन विश्व रैंकिंग में काफी पीछे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि अनुसंधान और नवाचार के जरिए यह स्थिति बदली जा सकती है, इस दिशा में काठमांडू विश्वविद्यालय के आवश्यक कदमों पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की।