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Tuesday 12 February 2013 09:54:10 AM
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह घोषणा करते हुए कि महामारी इंफ्लूएंज़ा अगस्त 2010 तक समाप्त हो जाएगी, यह भी कहा था कि इस बीमारी का वायरस मौसमी इंफ्लूएंज़ा वायरस का व्यवहार अपना लेगा और आने वाले कुछ वर्षों में इसका प्रसार जारी रहेगा, इसलिए महामारी अवधि के बाद (पोस्ट-पेंडेमिक) एच1 एन1 की महत्वपूर्ण स्तर के साथ प्रसार होने की उम्मीद है।
पोस्ट-पेंडेमिक अवधिके बाद भारत देश में अगस्त-अक्तूबर 2010, मई से जुलाई 2011, मार्च और अक्तूबर 2012 और अब जनवरी-फरवरी 2013 में इसके कुछ मामले दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब राज्यों में सामने आए हैं। ऐसे अधिकांश मामलों में हल्के इंफ्लूएंज़ा जैसी बीमारी दिखाई देती है। इसलिए किसी विशेष जांच या वायरल रोधी इलाज की जरूरत नहीं है, लेकिन साधारण बीमारी का भी पता लगाने के लिए रोग की शुरूआत में जांच करा लेना महत्वपूर्ण है।
एंटी-वायरल दवाई आस्टेमिविर राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से मुफ्त में उपलब्ध हैं क्योंकि इस वायरस का देश के अंदर ही प्रसार हो रहा है, इसलिए यातायात प्रतिबंध लगाने या अंतर-राज्य प्रवेश बिंदुओं पर किसी जांच-पड़ताल की जरूरत नहीं है। स्थिति नियत्रंण में है और इसकी निगरानी की जा रही है।