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Thursday 26 January 2017 05:36:45 AM
नई दिल्ली। भारत ने इस बार भी अपने 68वें गणतंत्र दिवस को यादगार बना दिया। भारत ने दिल्ली में राजपथ पर सैन्यशक्ति और सांस्कृतिक कौशल का प्रदर्शन किया तो उसे देखने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के युवराज और वहां के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर जनरल शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे थे। यही नहीं संयुक्त अरब अमीरात के सैन्य जवानों का दस्ता भी राजपथ पर भारतीय सेना के जवानों के साथ परेड में शामिल था और दर्शक तालियां बजाकर इस दस्ते का स्वागत कर रहे थे। यूएई के दस्ते में 149 जवान थे, जिसमें 35 संगीतकार थे। यूएई के प्रिंस भारत में अपने जोरदार स्वागत से अभिभूत हुए। ध्वजारोहरण और राष्ट्रगान के बाद 21 तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने तिरंगे को सलामी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम से पहले इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्पचक्र अर्पित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और नौसेना प्रमुख सुनील लांबा भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबोधन के जरिए बधाई दी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं दीं। गणतंत्र दिवस पर भारत में राजपथ पर सबसे खूबसूरत परेड तो थी ही साथ ही यूएई में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा भी भारत के गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर तिरंगे के रंग में सराबोर थी। बुर्ज खलीफा इमारत दो दिन और तिरंगे में जगमगाती दिखाई देगी। राजपथ पर यूएई के प्रिंस का जोरदार स्वागत किया गया। यूएई के लगभग सभी खास अधिकारी और वहां के विशिष्ट निवासी इस दृश्य को देखकर मंत्रमुग्ध थे। यूएई की सेना की परेड को सभी ने सेल्फी में कैद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान एक साथ बैठे हुए थे और प्रधानमंत्री उन्हें कुछ झांकियों की खासियत भी बता रहे थे। प्रिंस ने गणतंत्र दिवस परेड का पूरा लुत्फ उठाया। पिछली बार अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे।
राजधानी दिल्ली के राजपथ पर देश की आन, बान और शान देखना प्रिंस नाहयान के लिए अद्भुत अवसर था। भारत की सेना के साथ अपने देश की सेना की परेड देखकर वह फूले नहीं समाए। उन्होंने एक टक भारत की सांस्कृतिक विविधता की झलक देखी। यूएई की सैन्य टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस परेड की अगुवाई की। यूएई का बैंड परेड में शामिल हुआ। परेड की सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। दिल्ली को लगभग छावनी में बदल दिया गया था। मिलिट्री फोर्स राजपथ पर परेड की निगरानी कर रही थी, तो इंडिया गेट से लेकर राजपथ और उसके आसपास की सभी सड़कें सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में थीं। गणतंत्र दिवस समारोह की सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी गई थी। दिल्ली मेट्रो को भी खास सुरक्षा में लिया गया था।
गणतंत्र दिवस समारोह देशभर में धूमधाम से मनाया गया। देश के राज्यों की राजधानियों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुंबई और आसपास के इलाकों में, ऐतिहासिक इमारतों, सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों, शॉपिंग मॉल, मेट्रो स्टेशनों और हवाई अड्डों की सुरक्षा कड़ी थी। गणतंत्र दिवस पर जम्मू कश्मीर में भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध थे। कश्मीर में गणतंत्र दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। यहां आतंकवादियों के किसी भी व्यवधान को कुचल डालने और किसी साजिश को विफल करने के लिए सुरक्षा बल मुस्तैद थे। श्रीनगर शहर में प्रवेश कर रहे वाहनों की गहन तलाशी हुई। कश्मीर में सुरक्षाबलों का इतना मुस्तैद इंतजाम था कि किसी के लिए भी कोई भी आपराधिक हरकत कर पाना संभव नहीं था। दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में यूएई के प्रिंस का मुख्य अतिथि होना कश्मीर में बड़ी चर्चा का विषय बना। भारत सरकार की इस रणनीति से कश्मीरी अलगाववादी भारी निराशा में नज़र आए।