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Wednesday 13 February 2013 09:53:42 AM
चंडीगढ़। चंडीगढ़, मोहाली, पंचकुला और शिमला में भूकंप आपदा से निपटने के लिए बुधवार को मेगा अभ्यास का आयोजन किया गया। ये क्षेत्र भूकंप की आशंका वाले जोन चार और पांच में आते हैं। इस ड्रिल में नेशनल डिसास्टर रैपिड फोर्स के 900 जवानों की तीस टीमें, 900 नागरिक सुरक्षा कर्मियों और सेना के 270 स्वतंत्र पर्यवेक्षको ने हिस्सा लिया। इसमें पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी, अग्निशमन दल, बिजली और लोक निर्माण विभाग के कर्मियों ने सहयोग दिया। अभ्यास के दौरान पर्यवेक्षकों ने आपदा से निपटने में विभिन्न कर्मियों गर्मियों में समय, सहयोग और दक्षता के तालमेल पर ध्यान दिया।
इस अभ्यास से जो बातें जानने को मिलीं वे हैं- विभिन्न स्थानों पर आपदा प्रबंधन योजना बनाने की आवश्यकता। राज्य और जिला स्तर पर अत्याधुनिक आपदा कार्यक्रम संचालन केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता। भूकंप की स्थिति में हितधारकों के लिए वायरलेस (बेतार) संचार प्रणाली बनाने की आवश्यकता। आपदा की स्थिति में बेहतर सड़क व्यवस्था तक पहुंच की आवश्यकता। पर्याप्त एंबुलैंस की आवश्यकता। तैयारी को लेकर लोगों में व्यापक जागरूकता की जरूरत। युवा पीढ़ी को भूंकप के विनाशकारी प्रभाव और उससे निपटने के तौर-तरीकों की जानकारी देने की आवश्यकता।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) भूंकप की आशंका वाले जोन चार और पांच के दायरे में आने वाले अन्य राज्यों के साथ मिलकर अगले दो-तीन साल तक भूकंप आपदा तैयारी कार्यक्रम बनाने की योजना बना रहा है।