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कुश्ती को ओलंपिक स्पर्धा से बाहर करना दुर्भाग्यपूर्ण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 13 February 2013 10:07:15 AM

नई दिल्ली। युवा और खेल मंत्रालय ने 2020 में अर्जेंटीना में होने वाले ओलंपिक खेल की 25 प्रमुख स्पर्धाओं में से कुश्ती को अलग रखे जाने के अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के कार्यकारी बोर्ड ने 12 फरवरी को 25 प्रमुख स्पर्धाओं में से कुश्ती को अलग रखने का निर्णय लिया था। युवा खेल मंत्रालय इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक से फिर विचार करने को कहेगा। मंत्रालय इस बारे में भारत के कुश्ती संघ और देश के महत्वपूर्ण पहलवानों से भी विचार-विमर्श करेगा।
ओलंपिक खेलों में कुश्ती स्पर्धा का इतिहास बहुत पुराना है। इसे 1896 के एथेंस ओलंपिक में भी शामिल किया गया था। कुश्ती भारत के अलावा रूस, ईरान, उजबेकिस्तान, मंगोलिया, जापान और चीन में भी काफी लोकप्रिय है। भारत ने कुश्ती में 1952 की हेलसिंकी और 2008 की बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल किया था। वर्ष 2008 की बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार को रजत पदक मिला था और 2012 की लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया।
खेल मंत्रालय ने कुश्ती को ओलंपिक स्पर्धा से बाहर रखने पर चिंता प्रकट करते हुए आशा प्रकट की है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी का कार्यकारी बार्ड अपनी अगली बैठक में कुश्ती को ओलंपिक स्पर्धाओं में शामिल करने पर फिर से विचार करेगा।

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