स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 17 June 2017 02:18:56 AM
वाराणसी। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्ल्यूजे) की 73वीं राष्ट्रीय परिषद का वाराणसी में सम्मेलन हुआ। सम्मेलन का विषय था-पत्रकार सुरक्षा कानून एवं भारत-नेपाल के संबंधों को सुधारने में मीडिया की सहभागिता। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मुख्य अतिथि और उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, विशिष्ट अतिथि भारत में नेपाली राजदूत दीप कुमार उपाध्याय, आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विक्रम राव, वाराणसी (उत्तर) से विधायक रवींद्र जायसवाल एवं महासचिव एचबी मदनगौड़ा कर्नाटक, उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी, राष्ट्रीय सचिव (उत्तर) संतोष चतुर्वेदी ने संयुक्त रूपसे दीपप्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने इस अवसर पर कहा कि पत्रकारों का दायित्व है कि वे चरित्र हनन से दूर रहें और पाठकों, दर्शकों एवं श्रोताओं को सत्यपरख ख़बर दें। सुरेश खन्ना ने कहा कि तथ्यों को तोड़ना और विकृत प्रचार करना न केवल अपने कर्तव्य से हटना है, बल्कि गैरकानूनी भी है। सुरेश खन्ना ने टीवी चैनल मीडिया से आग्रह किया कि वह ख़बरों की सत्यता को परख़कर ही उन्हें प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा कि पत्रकार लोकतांत्रिक देश भारत में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए राष्ट्रसेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार आत्ममंथन करें, क्योंकि एक निरंकुश लेखनी देश एवं समाज के नाश का सूत्रधार होती है। सुरेश खन्ना ने कहा कि पत्रकारिता का प्रभाव समाज पर लगातार बढ़ रहा है, इसके बावजूद यह पेशा अब संकटों से घिरकर लगातार असुरक्षित हो गया है। उन्होंने कहा कि वे खुद भी दो साप्ताहिक समाचार पत्रों का संपादन कर चुके हैं, पर लघु समाचार पत्र से जुड़े सभी लोग असुरक्षित महसूस करते हैं।
नगर विकास मंत्री ने आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विक्रम राव का पत्रकारों को इस प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय मंच देने पर धन्यवाद किया। उन्होंने काशी विश्वनाथ वाराणसी, गोरखनाथ गोरखपुर और पशुपतिनाथ काठमांडू की अध्ययन यात्रा पर जाने वाले सभी पत्रकारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय दिल्ली से विशेषरूप से सम्मेलन में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा कि मीडिया के कतिपय लोग समाचारों को भिन्न-भिन्न ढंग से दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री रहे पुष्पकमल दहल प्रचंड भारत के काफी करीब हैं और वे भारत के दृष्टिकोण को समझते हैं। उन्होंने कहा कि जिसप्रकार पुष्पकमल दहल प्रचंड के उत्तराधिकारी के रूप में नेपाली कांग्रेस के शेर बहादुर लेउवा प्रधानमंत्री बने हैं, जो यह दिखाता है कि पुष्पकमल दहल प्रचंड की पार्टी एवं नेपाली कांग्रेस ने सिद्धांतप्रियता का निर्वाह किया है।
आईएफडब्ल्यूजे के 160 प्रतिनिधियों को राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने उनकी नेपाल यात्रा पर शुभकामनाएं दीं। सम्मेलन में श्रीलंका से आया पत्रकारों का 18 सदस्यीय दल भी शामिल हुआ, जिसकी अगुवाई उपुल जनकसिंघ्र ने की। उन्होंने कहा कि आईएफडब्ल्यूजे और श्रीलंका के पत्रकार कई वर्ष से एक दूसरे से मैत्री संबंध बनाए हुए हैं, हर साल एक 20-25 सदस्यीय दल श्रीलंका की यात्रा पर जाता है और इसी क्रम में श्रीलंका का भी एक 20-25 सदस्यीय दल भारत की यात्रा पर आता है। श्रीलंका से आए एक पत्रकार, जिन्हें पेंटिंग बनाने का शौक है, उन्होंने मंत्री सुरेश खन्ना की 7 मिनट में एक्स तस्वीर बनाकर उन्हें भेंट की। इनके नाम पर कई वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हैं। आईएफडब्ल्यूजे का प्रतिनिधिमंडल सप्ताहभर के लिए इस हिमालयी गणराज्य की अध्ययन यात्रा पर है, जिसका नेतृत्व आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के विक्रम राव कर रहे हैं।
पत्रकार के विक्रम राव ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा एवं कल्याण के लिए पाकिस्तान की संसद ने एक कानून स्वीकार किया है, वहां के पत्रकार इस कानून से ज्यादा सुरक्षित हैं। उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि पाकिस्तानी कानून के ढांचे पर भारतीय संसद कानून बनाए। देशभर से आए 160 राष्ट्रीय पार्षदों ने बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसम्प्रेषण विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कुमार पंकज का धन्यवाद किया। इस अवसर पर प्रोफेसर कुमार पंकज ने पत्रकारिता के उन्नयन में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के योगदान की चर्चा की। उत्तर प्रदेश वर्किंन जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी और स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार सिंह ने सम्मेलन में देश के 28 राज्यों एवं दक्षिण एशिया से आए पत्रकारों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।