स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 21 February 2013 07:45:14 AM
कैथल। हरियाणा के लोक निर्माण एवं उद्योग मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि गढ़ी पाड़ला में साढ़े 14 एकड़ भूमि में अशोक ले लैंड और हरियाणा के परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बनने वाला देश का सर्वश्रेष्ठ ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल अगले 30 दिनों में तैयार हो जाएगा और अप्रैल 2013 में विधिवत कार्य प्रारंभ कर देगा। अशोक ले लैंड ने सेलम (तमिलनाडू) में पहला ऐसा संस्थान बनाया था तथा उत्तर भारत में दिल्ली के बाद यह दूसरा नवीनतम उच्च स्तरीय तकनीकी युक्त संस्थान है।
सुरजेवाला ने ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल का निरीक्षण करने के उपरांत कहा कि 17 करोड़ 28 लाख रुपए की धनराशि से निर्मित ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले चालकों का हरियाणा सरकार व अशोक ले लैंड के बीच हुए करार के अनुसार एक वर्ष का दुर्घटना बीमा भी अशोक ले लैंड करवाएगा। उन्होंने बताया कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह ड्राईविंग स्कूल इससे पूर्व चल रहे तामिलनाडु और दिल्ली के स्कूलों से कहीं बेहतर है। इसमें अल्पावधि व लंबी अवधि के ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाए जाएंगे। स्कूल में भारी वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण प्रशिक्षित प्रशिक्षकों व आधुनिक मशीनों के माध्यम से दिया जाएगा। यहां से प्राप्त प्रमाण पत्र धारक चालक न केवल भारत अपितु हिंदुस्तान के बाहर दूसरे मुल्कों में भी वाहन चलाने के पात्र बन जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अशोका ले लैंड और हरियाणा सरकार इस प्रोजेक्ट को बनाने में संयुक्त रूप से कार्य किया है। इसका डिज़ाइन आधुनिक तकनीक पर आधारित है। चालकों को प्रशिक्षण देने के लिए छह प्रशिक्षण कक्ष बनाए गए हैं, जिसमें एक समय में 300 से अधिक पात्र चालक प्रशिक्षित किए जा सकते हैं। इन कक्षों में प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, स्क्रीन व माईक की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। संस्थान में चालकों को प्रशिक्षण देने के लिए सियूलेटर रूम भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर के जरिए भारी वाहनों पर चालक को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो सामने लगी स्क्रीन पर स्वयं को वाहन चलाते देख पाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान चालकों में पाई जाने वाली चालन खामियों को दूर करने के लिए कक्षाओं के माध्यम से उन्हें ट्रेंड किया जाएगा। पुनः सियूलेटर रूम की प्रक्रिया से गुजरने के उपरांत सात अंक प्राप्त करने वाले को संस्थान की तरफ से प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।
इस संस्थान के खुले परिसर में आठ किलोमीटर की लंबाई के ड्राईविंग टैस्ट रोड भी बनाए गए हैं, जिसमें चालकों को गहन प्रशिक्षण देने हेतु बाधाएं भी लगाई गई हैं।इसके अतिरिक्त लगभग 250 लोगों की बैठने की क्षमता वाले आधुनिक तकनीकी पर आधारित वातानुकूलित आडिटोरियम हाल है। संस्थान में 12 कमरे हैं, जिनमें तीन वीआईपी कक्ष भी शामिल हैं। खेलने के लिए बड़ा हाल है। हरी भरी घास वाला छोटा गार्डन, लैब कमरे तथा स्वागत कक्ष की सुविधा भी उच्च स्तर की होगी। इसके अतिरिक्त ट्रेनिंग लेने के लिए आने वाले चालकों को आरटीए से लर्निंग लाईसेंस लेकर आना होगा, जो यहां प्रशिक्षण लेने के पात्र बन सकेंगे। यहां चार छोटी मशीनें लगाई गई हैं, जो चालकों की आंखों का टैस्ट, उनकी तेज रोशनी में देखने की क्षमता और सामने से आने वाले वाहनों के दृष्टिगत स्थिति को संभालने व ब्रेक क्षमता का आंकलन कर पाएंगी। खुले वातावरण में प्राकृतिक रोशनी की सुविधा से युक्त लाईब्रेरी है, जहां बैठकर चालक यातायात के सभी नियमों व प्रशिक्षण से संबंधित पाठन सामग्री का अध्ययन कर पाएंगे।
संस्थान में एक दिवसीय अल्पावधि व 30 दिवसीय लंबी अवधि की ट्रेनिंग की सुविधा रहेगी और इस दौरान चालकों के प्रवास के लिए सभी सुविधाओं से युक्त होस्टल की सुविधा है। दो सौ लोगों के बैठने की क्षमता वाला ड्राईनिंग हाल है। संस्थान का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इसे शीघ्र हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अशोक ले लैंड के प्रबंध निदेशक के साथ लोकार्पित करेंगे। संस्थान के लिए 15 एकड़ जमीन गढ़ी पाडला के लोगों ने निःशुल्क उपलब्ध करवाई है। यह संस्थान विश्वस्तर पर मान्यता प्राप्त होगा। यहां से प्रशिक्षण लेकर चालक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोज़गार के साधन अर्जित कर सकेंगे।
संस्थान के कार्यरूप में परिणत होने से साथ लगते जिलों के लोगों को फायदा मिलेगा। चालकों को स्वास्थ्य संबंधित मूलभूत माप दंडों के अनुरूप तैयार करने के लिए योगा व एड्स जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे, ताकि चालक भारत सरकार की एक योजना के अंतर्गत क्रियांवित प्रोग्राम का लाभ उठाकर संक्रामक रोगों व मानसिक तनाव से भी बचे रहें। इस अवसर पर अशोक ले लैंड के डिविजनल मैनेजर आरएस दुआ, राकेश चढ्ढा सहित लोक निर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता एसके गोयल, बिजली विभाग के एसई एसके बंसल, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता संजीव अग्रवाल के अतिरिक्त रामनिवास मितल, बहादुर सैनी, डॉ श्याम साहनी, सुरेंद्र रांझा एडवोकेट, रणवीर सैनी, सुभाष जवाहरा, जयकिशन मान, राजेश गौरां मुंदड़ी व राजेश जागलान इत्यादि मौजूद थे।