स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 21 August 2017 05:14:35 AM
डिब्रूगढ़। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति अमिताभ राय और गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजीत सिंह सहित कई कानूनी दिग्गजों की उपस्थिति में डिब्रूगढ़ न्यायिक न्यायालय परिसर में नवनिर्मित अतिरिक्त कोर्ट बिल्डिंग और बार लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ के लिए यह एक गर्व करने वाली नई इमारत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पहल जिले के कानूनी दायित्वों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगी। सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि समाज अपने वास्तविक मूल्यों को कायम रखने के लिए न्यायपालिका को देखता है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए सक्षम होना चाहिए और न्यायपालिका को इसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने चाहिए।
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कानूनी भाईचारे से यह भी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि समाज के कमजोर वर्ग के प्रति न्याय पहुंचाने में कोई भेदभाव न हो। उन्होंने कहा कि शीघ्रता से न्याय देने के लिए न्यायपालिका का भी सशक्त होना आवश्यक है, जिसके लिए उन्होंने न्यायपालिका की हर संभव सहायता करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में कानूनी भवनों की स्थापना और कानूनी ढांचे के उन्नयन के लिए 300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने न्यायपालिका को और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीघ्र न्याय प्रदान करने के दृष्टिकोण के अनुरूप न्यायपालिका के डिजिटलीकरण के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। यह कहते हुए कि न्यायपालिका आज के कठिन दौर में आशा की ज्योति बनी हुई है, सोनोवाल ने आशा व्यक्त की कि नई अतिरिक्त कोर्ट बिल्डिंग और बार लाइब्रेरी युवा अधिवक्ताओं को कानूनों को वास्तविक अर्थों में अभ्यास करने के लिए प्रेरित करेगी।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने इस अवसर पर अपने संबोधन में विधायिका और कार्यकारी से न्यायपालिका की पूरी आजादी की वकालत की और चेतावनी भी दी कि समाज में बढ़ते भौतिकवाद और लालच के चलते न्यायपालिका को निष्पक्ष न्याय प्रदान करने में दृढ़ रहना चाहिए। न्यायमूर्ति ने न्यायपालिका की व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग का भी आह्वान किया। न्यायाधीश अमिताभ राय ने डिब्रूगढ़ बार में वकील के रूप में अपने करियर को आकार देने में अपनी भूमिका को याद किया। उल्लेखनीय है कि डिब्रूगढ़ शहर से जस्टिस अमिताभ रॉय और जस्टिस रंजन गोगोई दोनों का संबंध है। जस्टिस अमिताभ रॉय ने आगे कहा कि न्यायपालिका आज एक मिसाल बन गई है, जैसेकि जब भी नए मुद्दे अदालतों के सामने आते हैं, वे पहली प्राथमिकता पर लिए जाते हैं। उन्होंने आधुनिक न्यायिक चुनौतियों के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए रचनात्मक संकाय का उपयोग करने का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना चाहिए, जो संवेदनशील, समय पर और सस्ती है, ताकि समाज के कमजोर लोगों की न्यायिक प्रणाली तक पहुंच हो सके। उन्होंने कहा कि न्याय हमेशा कानून के बारे में नहीं है, यह अंतरात्मा के लिए भी है।
स्वागत भाषण देने से पहले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सुमन श्याम ने असम सरकार की निधि से नई अतिरिक्त अदालत की इमारत और बार पुस्तकालय के लिए फर्नीचर की खरीद के लिए मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के योगदान के लिए धन्यवाद दिया। गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति अरुप गोस्वामी और अन्य कानूनी दिग्गजों के साथ एमपी रामेश्वर तेली, विधायक, मुख्य सचिव वीके पीपरसेनिया, उपायुक्त लाया मदुदरी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे, बाद में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ में भारत क्लब और नाट्य संस्थान के पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण सभागार के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया। यहां उन्होंने डिब्रूगढ़ के सांस्कृतिक परिदृश्य में भारतीय क्लब की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि इसने समाज के सभी वर्गों में एकता के बंधन को मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि डिब्रूगढ़ में वर्ष 1881 में स्थापित किया गया यह क्लब, अपनी स्थापना के दिनों के बाद से बहुत समृद्ध और जीवंत विरासत है और राज्य सरकार इस महान संस्था की पहचान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके परिसर में एक सामुदायिक हॉल बनाने के लिए क्लब के अध्यक्ष के अनुरोध का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय सांसद और विधायक के साथ परामर्श करके सभी संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर भी अनेक विधायक, पूर्व केंद्रीय मंत्री पबन सिंह घाटवार और उपायुक्त लाया मदुदरी उपस्थित थे।