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Tuesday 23 January 2018 01:22:16 AM
मुंबई। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने चिकित्सा क्षेत्र के शोधकर्ताओं का कैंसर से बचाव और उपचार के लिए नए समाधानों के साथ आगे आने का आह्वान करते हुए कहा है कि शोधकर्ताओं को प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों का आयुर्वेद की तरह वैकल्पिक समाधान के तौरपर प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें कम लागत वाली देसी प्रणालियों के प्रयोग से कैंसर के उपचार को और किफायती बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैंसर घातक बीमारी के साथ-साथ उपचार के लिहाज से भी बेहद खर्चीली बीमारी है। वे टाटा मैमोरियल सेंटर मुंबई के स्नातक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि कैंसर देश में स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है और मौत के शीर्ष दस कारणों में से एक है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर कैंसर के कारणों और लक्षणों की पहचान शुरूआत में ही कर ली जाए तो देश में इससे होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। उपराष्ट्रपति ने चिकित्सकों और छात्रों से स्वच्छता के प्रति जागरुकता फैलाने का आग्रह किया और कहा कि साफ-सुथरा न रहने के कारण एचपीवी जैसा संक्रमण फैलता है, जोकि कैंसर के कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि छात्र स्वस्थ्य जीवन प्रणाली अपनाएं, इसके लिए उन्हें योग का अनिवार्य प्रशिक्षण देना चाहिए, योग समग्र प्रणाली है और इस बात के साक्ष्य हैं कि इससे गुणवत्तापूर्ण जीवन और खुशहाली सुनिश्चित होती है।
वेंकैया नायडू ने सरकार, चिकित्सकों और मीडिया से कैंसर के लक्षणों और उससे बचाव के उपायों को प्रचार-प्रसार के माध्यम से नागरिकों के बीच जागरुकता अभियान चलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोगों को कैंसर के मौजूदा उपचारों के बारे में सही जानकारी देने की आवश्यकता है और समय पर जांच से कैंसर के शुरूआती लक्षणों को पहचाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य जीवन प्रणाली और जंक फूड के बारे में युवाओं को जागरुक करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।