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'ज़िले शिकायतें निपटाएं और सूचित भी करें'

मुख्यमंत्री की फटकार पर मुख्यसचिव ने चलाया डंडा

'उत्तरदायित्व तयकर समुचित कार्रवाई की जाए'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 7 March 2018 12:16:04 PM

chief secretary rajiv kumar

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार पर मुख्य सचिव राजीव कुमार ने ज़िलों पर डंडा चला दिया है। उन्होंने कड़े निर्देश दिए हैं कि ज़िले के अधिकारी प्राथमिकता देकर जनशिकायतें निपटाएं और सूचित भी करें तथा उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें, जो लापरवाही कर रहे हैं, सरकार की नीतियों का उपहास कर रहे हैं, कार्यों का समयबद्ध निस्तारण नहीं कर रहे हैं, बहानेबाज़ी कर रहे हैं और दुर्भावना या पक्षपात से किसी के साथ अन्याय या भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। मुख्य सचिव ने कहा है कि राज्य मुख्यालय पर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन शुरू हो चुकी है और यहां प्राप्त शिकायत का समाधान हो गया है, यह सरकार को बताना होगा। उन्होंने जिला तहसील ब्लाक और थानों में लापरवाह कामचोर और भ्रष्टाचारियों की खोजकर उनपर कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा है। उल्लेखनीय है कि परसों ही भाजपा मुख्यालय पर मुख्यमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस में यह बात उठी थी कि जिलों में किसी की सुनवाई नहीं हो रही है और सभी जगह जनसामान्य स्‍थानीय प्रशासन से निराश है।
मुख्यसचिव राजीव कुमार ने कल मंडलायुक्तों, वरिष्ठ जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों को योजना भवन में वीडियो कॉंफ्रें‌सिंग पर तलब किया और कड़े निर्देश दिए कि तहसील, थाना एवं ब्लॉक स्तर पर निस्तारित होने वाली जनसमस्याओं का वहीं पर निस्तारण न करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरुद्ध समुचित कार्रवाई की और कराई जाए। उन्होंने कहा कि 'आपकी सरकार आपके द्वार' की नीति में विश्वास रखने वाली उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक दशा में आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर कराया जाए और जनपद स्तर पर निस्तारित होने वाली समस्याओं के समाधान हेतु आम नागरिकों को लखनऊ आने के लिए विवश नहीं होना चाहिए। उन्होंने घोर नाराज़गी व्यक्त की कि स्‍थानीय प्रशासन के स्तर की शिकायतें लखनऊ आ रही हैं, इसलिए इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जिलों को यह बताना होगा कि ऐसे कितने अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है और कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यसचिव राजीव कुमार ने अपने कड़े निर्देश कहा है कि प्रदेश सरकार का संवेदनशील एवं पारदर्शी प्रशासन उपलब्ध कराने का लक्ष्य प्रत्येक दशा में क्रियांवित कराना होगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ आने वाले शिकायतकर्ताओं की समस्याएं बहुधा सामान्य प्रकृति की होती हैं, जैसे-चकरोड की पैमाइश न होना, अविवादित विरासत दर्ज न होना, दबंग व्यक्तियों का संपत्तियों पर कब्जा करना, भू-माफिया का सार्वजनिक भूमि अथवा तालाब आदि पर कब्जा किया जाना, घटना की एफआईआर दर्ज न किया जाना या दर्ज एफआईआर की विवेचना में अत्यधिक समय लेना आदि, इनका समाधान स्थानीय स्तर पर ही नियमानुसार प्राथमिकता देकर सुनिश्चित कराना होगा। मुख्य सचिव ने सभी से लोक शिकायतों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापरक निस्तारण और विकास कार्यों का सही क्रियांवयन सुनिश्चित नहीं करा पानेपर गंभीर परिणामों की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई प्रणाली में राज्य मुख्यालय लखनऊ में दूरभाष के माध्यम से भी शिकायतें अंकित कराने हेतु 500 सीटों का एक कॉल सेंटर सीएम हेल्प लाइन प्रारम्भ करा दिया गया है, इस कॉल सेंटर में दूरभाष के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का संदर्भ संज्ञान लेकर उनका निर्धारित समय सीमा के अंदर निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यसचिव राजीव कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त ‌शिकायत संदर्भों का निस्तारण कराए जाने हेतु आवेदकों और शिकायतकर्ताओं से अनिवार्य रूपसे संपर्क किया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि आवेदक से संपर्क न होने की स्थिति पर उसके सम्बंध में स्पष्ट विवरण अंकित करना अनिवार्य है। अध्यक्ष राजस्व परिषद प्रवीर कुमार भी इस अवसर पर उपस्‍थित थे। उन्होंने कहा कि राजस्व संबंधी विवादों का निस्तारण स्थानीय स्तर पर करने हेतु गठित राजस्व टीमों को संबंधित थाने से रवानगी करते हुए संबंधित थाने की जीडी में दर्ज कराना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि राजस्व टीमों को अपने निर्धारित कार्यक्रम की सूचना विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कराते हुए संबंधित गांव के लोगों को पहले से अपने आने की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर स्थानीय समस्याओं का समाधान नियमानुसार सुनिश्चित कराते हुए संबंधित गठित राजस्व टीमों को विवाद रहित गांव बनाना होगा। उन्होंने बताया कि विगत दो माह में लगभग 56 हजार शिकायतों का राजस्व टीमों द्वारा निस्तारण कराकर विवाद रहित गांव बनाए गए हैं।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने भी दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि शासन की प्राथमिकता स्वच्छ प्रशासन देने की है, उन्होंने कहा कि ब्लॉक, तहसील एवं थाने को सुव्यवस्थित ढंग से चलाकर आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि शासकीय दायित्यों के प्रति लापरवाह थानों में तैनात पुलिसकर्मियों एवं थानाध्यक्षों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध नियमानुसार और प्राथमिकता देकर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने की प्राप्त किसी भी थाने की शिकायत आनेपर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं का समाधान प्राथमिकता से न करने वाले पुलिसकर्मियों को बख्शा न जाए। वीडियों कांफ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव संजीव सरन, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह, वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ये कॉंफ्रेंसिंग इस संदर्भ में काफी गंभीर है कि मुख्य सचिव सहित शीर्ष अधिकारियों को कोई बड़ा अल्टीमेटम दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कानों में जिलों से आने वाली निराशाजनक आवाज़ें गूंज रही हैं और वे इस निष्कर्ष पर पहुंच रहे हैं कि अब प्रशासन में भी बड़े स्तर पर कड़ी कार्रवाई का समय आ गया है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शपथ ग्रहण करते ही यह बात प्रमुखता से कही थी कि राज्य में शासन के नाम पर प्रशासनिक अराजकता, जिलों, थानों, तहसीलों में भ्रष्टाचार आमआदमी की शिकायत को नज़रअंदाज करने की प्रव‌ृत्ति या पक्षपात के कारण कोई सुनवाई नहीं करने वालों को संरक्षण देने वालों या उन्हें प्रोत्साहन देने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, मुख्यमंत्री ने कहा था कि बदमाशों, ग़ुंडों, माफियाओं एवं अपराधियों के लिए केवल एक ही स्‍थान होगा, जहां कोई नहीं जाना चाहता है, योगी शासन के एक साल में अपराधियों के खिलाफ कुछ कड़ी कार्रवाई शुरू हुई है, लेकिन जिलों में स्‍थानीय प्रशासन का माफिया तुल्य शासन अभी भी बदस्तूर जारी है, उसपर योगी सरकार का अभी भी कोई नियंत्रण नहीं दिखता है, जनसामान्य और भाजपा कार्यकर्ता भी स्‍थानीय प्रशासन की उपेक्षा से भारी निराश हैं। मुख्यमंत्री को इसका एहसास हुआ है और उन्होंने मुख्यसचिव और अन्य शीर्ष अधिकारियों को नसीहत देते हुए फटकार लगाई है कि स्‍थानीय प्रशासन की विफलता के लिए अब उन सबकी जिम्मेदारी तय होगी, इसीलिए मुख्य सचिव ने स्थिति को भांप लिया है कि योगी सरकार एक्‍शन के मूड में आ गई है और एक साल की समीक्षा में कई बड़े नौकरशाह पैदल किए जा सकते हैं या उन्हें रिटायर किया जा स‌कता है। मुख्य सचिव ने कल जो जिलों और मंडलों पर डंडा चलाया है, यह कॉंफ्रेंसिंग उसी संदर्भ में देखी जा रही है और समझा जा रहा है कि जिलों में अधिकारियों, कर्मचारियों पर भी कड़ी कार्रवाई सुनने को मिल सकती है।

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