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Saturday 17 March 2018 01:11:12 PM
तिरूचिरापल्ली। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु डिफेंस कॉरिडोर के नोडल शहर तिरूचिरापल्ली में रक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए स्थानीय रक्षा और संबद्ध उद्यमी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों और हितधारकों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के तहत रक्षा मंत्रालय ने रक्षा उद्योग में स्वदेशीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि बजट-2018 में तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश में दो रक्षा कॉरिडोर का निर्माण करने की घोषणा की गई थी, जिसके बाद से इन कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु रक्षा कॉरिडोर विकसित करने के पहले कदम के रूपमें तिरूचिरापल्ली में स्थानीय उद्योग के साथ बैठक हुई है, जिसमें उद्योग के 200 से अधिक प्रतिनिधि, तमिलनाडु सरकार के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा मंत्रालय, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, भारत हैवी इलैक्ट्रिकल्स लिमिटेड और आयुध निर्माण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। रक्षामंत्री ने बैठक में देश के सम्पूर्ण विकास में रक्षा क्षेत्र के महत्व के बारे में बताया और इस संदर्भ में उन्होंने प्रस्तावित रक्षा कॉरिडोर के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने परियोजना को सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों से इसमें सक्रिय रूपसे समर्थन देने को कहा।
निर्मला सीतारमण ने चेन्नई में 11 से 14 अप्रैल 2018 तक होने वाली रक्षा प्रदर्शनी-2018 में आने वाले लगभग 300 से अधिक विनिर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए स्थानीय निर्माताओं से रक्षा से संबंधित उनके उत्पादों को प्रदर्शित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण शहरों का चतुर्मुखी कॉरिडोर तैयारकर तमिलनाडु रक्षा कॉरिडोर, जिसे तमिलनाडु रक्षा उत्पादन क्वैड भी कहा जाता है निर्मित किया जाएगा। इन शहरों में चेन्नई, होसुर, सेलम, कोयम्बटूर और तिरुचिरापल्ली शामिल हैं। बैठक में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने, तमिलनाडु सरकार के उद्योग अनुकूल कदमों, प्रस्तावित रक्षा कॉरिडोर में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की भूमिका और स्थानीय उद्योग की अपेक्षाओं पर कई प्रस्तुतियां पेश की गईं। बैठक में ऊर्जावान प्रश्नोत्तरी सत्र भी हुआ।