स्वतंत्र आवाज़
word map

पत्रकारिता में दीनदयाल उपाध्याय वजीफा

सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन इरानी की घोषणा

आईआईएमसी पत्रकारिता पाठ्यक्रम का समापन सत्र

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 28 April 2018 12:31:23 PM

information and broadcasting minister smriti jubin irani

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने नई दिल्ली के आईआईएमसी के नाम से‌ विख्यात भारतीय जन संचार संस्थान के विकास पत्रकारिता पाठ्यक्रम के 69वें समापन सत्र को संबोधित किया और कहा कि भारतीय मूल के जिन लोगों ने विकास पत्रकारिता के लिए अनुकरणीय कार्य किया है, उनको पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में 25,000 रुपये की एक छात्रवृत्ति दी जाएगी। उन्होंने 16 देशों के विकास पत्रकारिता से जुड़े 25 छात्रों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। स्मृति जुबिन इरानी ने आईआईएमसी परिसर में राष्ट्रीय मीडिया संकाय विकास केंद्र का उद्घाटन भी किया। उन्होंने ईसीएचओ न्यूजलेटर, समाचार माध्यम एवं कम्यूनिकेटर पत्रिकाएं लांच कीं।
स्मृति जुबिन इरानी ने इस अवसर पर कहा कि एक ऐसे समारोह की अध्यक्षता करना सम्मान की बात है, जो 16 देशों के पत्रकारों को एक छत के नीचे लाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा नई चीजें सीखते रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विकास पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। स्मृति इरानी ने आईआईएमसी की पत्रिका के नियमित प्रकाशन के लिए आईआईएमसी प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि आईआईएमसी की संचार क्षेत्र में एक वैश्विक विरासत है और संचार के विकास पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक औसत भारतीय प्रतिदिन मोबाइल ऐप पर 200 मिनट व्यतीत करता है और हमारे देश में 65 प्रतिशत वीडियो उपभोग केवल ग्रामीण क्षेत्रों में होता है तथा इसमें और भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि वी‌डियो संचार परिदृश्य में मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग को यह सोचना चाहिए कि उपभोक्ताओं को कौन सी नई जागरुक और उपयोगी चीज प्रस्तुत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पुराने समय की तुलना में संपादक का सामग्री पर अंतिम निर्णय होता था, मगर अब समय बदल चुका है, अबतो उपभोक्ता भी सामग्री पर फैसला करता है और सूचना के स्रोत के बारे में भी प्रश्न पूछता है। उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में होने वाले डाटा विस्फोट के इस युग में अब लोग हर सूचना के लिए गूगल का सहारा लेते हैं और इस वजह से इस सूचना स्रोत का विश्वसनीय होना बहुत महत्वपूर्ण है। आईआईएमसी महानिदेशक केजी सुरेश ने इस मौके पर बताया कि आईआईएमसी ने अभी तक विकास पत्रकारिता पाठ्यक्रम में 127 देशों के छात्रों को प्रशिक्षित किया है, जो इस पाठ्यक्रम के महत्व को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि आईआईएमसी एशिया की सबसे पुरानी मीडिया अनुसंधान इकाई है और विकास पत्रकारिता विकासशील देशों के सहयोग का एक प्रतीक है।
गौरतलब है कि विकास पत्रकारिता में डिप्लोमा कोर्स आईआईएमसी का निर्गुट एवं विकासशील देशों के मध्य-कैरिअर वाले पत्रकारों के लिए एक सम्मानजनक पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम का आयोजन भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग यानी आईटीईसी एवं विदेश मंत्रालय के विशेष राष्ट्रमंडल अफ्रीकी सहायता योजना कार्यक्रमों के तहत किया जाता है। इस पाठ्यक्रम की अवधि चार महीने है और आमतौर पर इसे साल में दो बार जनवरी से अप्रैल एवं अगस्त से दिसंबर तक आयोजित किया जाता है। पाठ्यक्रम का उद्देश्य विकास एवं संचार के बीच संपर्कों पर प्रकाश डालना है और पत्रकारों के कौशल का उन्नयन करना है, जिससे कि उन्हें विकास एवं आर्थिक मुद्दों के बारे में चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके। इस पाठ्यक्रम में भाग ले रहे पत्रकार एक तरह से भारत के अनाधिकारिक राजदूत हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]