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दिल्ली में ऐतिहासिक स्मारकों का पुनरूद्धार

पुराने किले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का विकास कार्य

आधुनिकता से पुरावस्तु संग्रह का संरक्षण व उन्नतिकरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 21 May 2018 03:09:10 PM

purana qila delhi

नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने नई दिल्ली में पुराने किले में कई महत्वपूर्ण संरक्षण, पुनरूद्धार, उन्नतिकरण और विकास कार्यों की शुरूआत की है। एक अनूठी पहल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पुराने किले की परिधि से लगे कक्षों में केंद्रीय पुरावस्तु संग्रह खंड के संरक्षण और उन्नतिकरण का शुभारंभ किया है। पुरावस्तु संग्रह खंड को आधुनिक कला दीर्घा के रूपमें विकसित किया जा रहा है, जिसमें पहलीबार हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, तक्षशिला, चोनु-दारो और मध्य एशिया के साथ-साथ भारतीय क्षेत्रों जैसे कालीबंगन, हस्तिनापुर, अरिकमेडु और तुमलुक आदि स्थानों की प्राचीन कलाकृति और मिट्टी के बर्तन प्रदर्शित किए जाएंगे। पुराना किले के पुरावस्तु संग्रह खंड में प्राचीन कलाकृतियों और मिट्टी के बर्तन संबंधी संग्रह लगभग दो लाख से अधिक हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पुराना किले के आसपास खाई क्षेत्र में गाद निकालने का काम बड़े पैमाने पर शुरू किया, जिसके शीघ्र पूर्ण होने की संभावना है। पुराने किले में अन्य ऐतिहासिक स्मारकों के समान भव्य मस्जिद और अन्य ढांचों पर भी रोशनी के व्यापक प्रबंध किए जाएंगे, इसके साथ ही शौचालय परिसर, पेयजल सुविधा, लाल पत्थरों से बने कूड़ा घरों, पार्किंग सुविधा का विकास और प्रकाशन खंड की स्थापना संबंधी कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। पुराना किला परिसर में प्रवेश और निकास के लिए टिकटघर के निकट नए घूमने वाले प्रवेशद्वार की सुविधा दी गई है। पुराना किला परिसर में लगभग 8 हेक्टेयर के उद्यान को विकसित करके इसके अंतर्गत पत्थर की बेंच लगाने और कूड़ा हटाने जैसे कार्य किए जा रहे हैं, जो पर्यटकों के बीच पुराना किला स्मारक को लोकप्रियता का एक नया रूप प्रदान करेगा। यहां खुदाई के अवशेषों को पर्यावरण के प्रत्यक्ष प्रभावों से बचाने के लिए संरक्षण संबंधी कार्य भी प्रगति पर हैं।
गौरतलब है कि पुराना किला नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे प्राचीन दीना पनाहनगर का आंतरिक किला है। इसका निर्माण शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में 1538 से 1545 के बीच करवाया था। किले के तीन बड़े द्वार हैं तथा इसकी विशाल दीवारें हैं। इसके अंदर एक मस्जिद है, जिसमें दो तलीय अष्टभुजी स्तंभ हैं। हिंदू साहित्य के अनुसार यह किला इंद्रप्रस्थ के स्थल‍ पर है, जो प्राचीनकाल में पांडवों की विशाल राजधानी होती थी, जबकि इसका निर्माण अफ़गानी शासक शेर शाह सूरी ने कराया था, जिसने मुगल बादशाह हुमायूं से दिल्ली का सिंहासन छीन लिया था। पुराने किले के दक्षिण पूर्वी भाग में सन् 1955 में परीक्षण के लिए कुछ खंदक खोदे गए थे, जिसमें मिट्टी के पात्रों के टुकड़े आदि पाए गए थे, वे महाभारत की कथा से जुड़े अन्य स्थलों से प्राप्त पुरा वस्तुओं से मेल खाते थे, जिससे इस पुराने किले के भूभाग को इंद्रप्रस्थ रहे होने की मान्यता को कुछ बल मिला।
पुराने किले की पूर्वी दीवार के पास दुबारा खुदाई में वहां सिक्के, मनके, मिट्टी के बर्तन, पकी मिट्टी की यक्ष यक्षियों की छोटी छोटी प्रतिमाएं, लिपि युक्त मुद्राएं मिली थीं, जो किले के संग्रहालय में आज भी प्रदर्शित हैं। भारत में बहुत कम नगर ऐसे हैं, जो दिल्ली के समान पुराने हैं। दिल्ली भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश और महानगर है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका का मुख्यालय और जनसंख्या के तौरपर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है, महाभारत काल में इसका नाम इंद्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूपमें उभरी है। यहां कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों और उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं।

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