स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 21 May 2018 04:25:32 PM
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने केंद्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में निवेश में वृद्धि करने का सुझाव देते हुए कहा है कि इससे कृषि व्यवहार्य और भी आकर्षक बनेगा। उपराष्ट्रपति ने यह सुझाव हैदराबाद में राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान में वैज्ञानिकों, संकाय सदस्यों एवं रिसर्च फेलो के साथ बातचीत करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि अपेक्षित अवसंरचना के सृजन, किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध कराने एवं कृषि उपज के मूल्य संवर्द्धन से कृषि को टिकाऊ, व्यवहार्य एवं आकर्षक बनाने की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने किसानों को समय पर एवं किफायती ऋण मुहैया कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का कारगर तरीके से अधिक लाभ उठाया जाना चाहिए और इसका किसानों तक भी पूरा लाभ पहुंचना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने अधिकारियों को फसल बीमा योजना के बारे में कृषक समुदाय के बीच अधिक जागरुकता फैलाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एमएएनएजीई जैसे संस्थानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने एवं उनकी आय बढ़ाने के लिए फसलों को विविधिकृत करने की आवश्यकता पर किसानों को शिक्षित करना चाहिए। उन्होंने एमएएनएजीई को जलवायु स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने का भी सुझाव दिया।
गौरतलब है कि खाद्य एवं कृषि संगठन ने हाल ही में जलवायु स्मार्ट कृषि के लिए ग्लोबल एलायंस के तीन दिवसीय वार्षिक फोरम का रोम में आयोजन भी किया था। जलवायु स्मार्ट कृषि, खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन की आपस में जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण है। यह मूल रूपसे तीन मुख्य उद्देश्यों, जिनमें कृषि उत्पादकता में वृद्धि, कृषि आय, खाद्य सुरक्षा और विकास में न्यायसंगत बढ़ोतरी में सहायता, कई स्तरों पर जलवायु परिवर्तन के लचीलेपन का निर्माण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के उपाय प्रमुख रूपसे शामिल हैं। जलवायु आधारित खेती को बढ़ाने की योजना के तहत किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए जागरुक व सक्षम बनाया जा रहा है। इस अवसर पर तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मुहम्मद महमूद अली एवं गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।