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Tuesday 22 May 2018 01:59:13 PM
बालासोर। ओडिशा तट के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की सेवा अवधि बढ़ाने के लिए किया गया है। मिसाइल के परीक्षण को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन एवं ब्रह्मोस के वैज्ञानिकों ने भी देखा। परीक्षण के दौरान यह मिसाइल निर्धारित मार्ग पर चली और इसके उपकरणों ने सम्पूर्णता के साथ कार्य किया। गौरतलब है कि ब्रह्मोस भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम का संयुक्त उद्यम है एवं यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस मिसाइल आधुनिक युद्ध प्रणाली में सर्वश्रेष्ठ हथियार के रूपमें उभरा है और इसकी गति, निशाना तथा गोलाबारी बेजोड़ है।
ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है, इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। ब्रह्मोस के समुद्री और थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा भी जा चुका है। ब्रह्मोस भारत और रूस की अबतक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है, जिसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है। ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। रूस इस परियोजना में प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करवा रहा है और उड़ान के दौरान मार्गदर्शन करने की क्षमता भारत में विकसित की गई है।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और ब्रह्मोस की टीम को बधाई देते हुए कहा है कि भारतीय सशस्त्र सेना की इंवेंटरी में रखे गए मिसाइलों को बदलने की लागत में बड़ी बचत होगी। डीआरडीओ के अध्यक्ष और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ एस क्रिस्टोफर ने भी सेवा अवधि विस्तार के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ और ब्रह्मोस के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। महानिदेशक ब्रह्मोस तथा सीईओ और प्रबंध निदेशक ब्रह्मोस डॉ सुधीर मिश्रा ने सफल परीक्षण के लिए टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस परीक्षण से भारतीय सशस्त्र सेना को आर्थिक रूपसे लाभकारी और अधिक अवधि के लिए इंवेंटरी रखने में मदद मिलेगी।