स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 24 May 2018 03:48:47 PM
लखनऊ/ देहरादून। मिलिट्री इंटेलीजेंस की जम्मू-कश्मीर यूनिट, उत्तराखंड पुलिस और उत्तर प्रदेश एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में उत्तराखंड राज्य के जनपद पिथौरागढ़ से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संदिग्ध एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया गया है। एटीएस के अनुसार पिछले साल यानी दिनांक 3-5-2017 को यूपी एटीएस ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के सहयोग से फैज़ाबाद के आफताब को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था, उससे पूछताछ और विवेचना से कुछ और आईएसआई एजेंट यूपी एटीएस के रडार पर आए थे, इस सम्बंध इसी बीस मई को थाना एटीएस गोमतीनगर लखनऊ में शासकीय गोपनीयता अधिनियम दर्ज किया गया, जिसकी विवेचना में पिथौरागढ़ निवासी रमेश सिंह का नाम सामने आया था।
यूपी एटीएस ने बताया कि दिनांक 22 मई 2018 को रमेश सिंह से पूछताछ की गई एवं उसके घर की तलाशी भी ली गई, जिसमें रमेश सिंह ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने राष्ट्रविरोधी कृत्यों के बारे में काफी कुछ बताया, जिसपर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। रमेश सिंह के पास से एक पाकिस्तानी मोबाइल फ़ोन भी बरामद किया गया है, जो उसे आईएसआई ने उससे संपर्क करने के लिए दिया था। इस मोबाइल के डेटा से महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की उम्मीद है। उससे पूछताछ जारी है। रमेश सिंह को कल पिथौरागढ़ की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है।
रमेश सिंह भारतीय उच्चायोग में नियुक्त एक अधिकारी के साथ घरेलूकार्य के लिए वर्ष 2015 में इस्लामाबाद गया था, वहीं पर उसका आईएसआई के लोगों से संपर्क हुआ, जिन्होंने उसको अपना एजेंट बना लिया। रमेश सिंह ने इस्लामाबाद में रहते हुए भारत की तमाम गोपनीय सूचनाएं लीक कीं, जिसके लिए इसे डॉलर में धन मिलता था। रमेश सिंह जब भी छुट्टी पर भारत आता था तो डॉलर साथ लाता था और दिल्ली में रूपये में परिवर्तित कर अपने गांव ले जाया करता था। यूपी एटीएस के अनुसार सितम्बर 2017 में रमेश सिंह वापस भारत आ गया, पाकिस्तानी आईएसआई अधिकारियों ने इसे भारत में जासूसी करने के लिए कहा और उसे क्यू-मोबाइल ब्रांड का एक फ़ोन दिया, जिसमें शक है कि वह स्पाइवेयर है।
स्पाइवेयर एक सॉफ़्टवेयर है, जो उपयोगकर्ता को हार्डड्राइव से डेटा को संचारित करके किसी अन्य की कंप्यूटर गतिविधियों की गुप्त जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। हो सकता है कि इसका फोरेंसिक परीक्षण भी कराया जाएगा। रमेश सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर कल कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड के लिए आवेदन दिया जाएगा। एटीएस ने बताया कि रमेश सिंह से रिमांड पर पूछा जाएगा कि उसने क्या-क्या सूचनाएं लीक की हैं? उसे कितना धन मिला? उत्तर प्रदेश में उसे कौन से टारगेट की जासूसी की ज़िम्मेदारी दी गई थी और जो धन मिला उसका क्या किया? रमेश सिंह को राजेश साहनी अपर पुलिस अधीक्षक यूपी एटीएस के नेतृत्व में निरीक्षक मंजीत सिंह की टीम उपनिरीक्षक शैलेंद्र गिरी, कम्प्यूटर ऑपरेटर वकील अहमद, आरक्षी हरीश और आरक्षी मनोज ने गिरफ्तार किया है।