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नाविका सागर दल को नारी शक्ति सम्मान

अनुकरणीय साहस और टीम भावना से भरी तारिणी

केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने प्रदान किया सम्मान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 25 May 2018 01:16:14 PM

maneka gandhi honors team of insv tarini

नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने नई दिल्‍ली में एक कार्यक्रम में आईएनएसवी तारिणी की टीम को प्रतिष्ठित नारी शक्ति सम्मान 2017 प्रदान किया। तारिणी टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, लेफ्टिनेंट कमांडर स्‍वाति पतरपल्‍ली, लेफ्टिनेंट ऐश्‍वर्या वोडापट्टी, लेफ्टिनेंट एसएच विजया देवी और लेफ्टिनेंट पायल गुप्‍ता ने मेनका संजय गांधी से यह सम्मान प्राप्त किया। मेनका गांधी ने इस अवसर पर तारिणी टीम को बधाई दी और कहा कि आईएनएसवी तारिणी भविष्‍य की पीढ़ियों को ऐसे क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत कम रही है। उन्‍होंने कहा कि नारी शक्ति सम्मान, अनुकरणीय साहस तथा टीम भावना के लिए तारिणी टीम को आभार व्‍यक्‍त करने की दिशा में एक कदम है।
गौरतलब है कि राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर राष्‍ट्रपति भवन में नारी शक्ति सम्मान प्रदान किए थे, चूंकि आईएनएसवी तारिणी टीम सागर परिक्रमा की यात्रा पर थी, इसलिए उन्हें यह सम्मान उस समय नहीं दिए जा सके थे। भारतीय नौसेना नौवहन पोत ‘तारिणी’ की चालक दल भारतीय नौसेना की विशिष्‍ट परियोजना ‘नाविका सागर परिक्रमा’ का एक हिस्‍सा थी, जिसकी सभी सदस्‍य महिलाएं थीं, परियोजना के तहत उन्होंने सागर की परिक्रमा की। परियोजना के माध्यम से समुद्री नौवहन गतिविधियों को प्रोत्‍साहित करना और महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना था। चालक दल की प्रत्‍येक सदस्‍य को कम-से-कम 20,000 समुद्री मील नौकायन का अनुभव प्राप्‍त है।
नाविका सागर महिला चालक दल का नेतृत्‍व और यात्रा का संचालन लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया। इस यात्रा में कुल 254 दिन लगे। इनमें से 199 दिन समुद्र में बिताए गए और 21600 समुद्री मील की दूरी तय की गई। गोवा में हुई घर वापसी से पहले आईएनएसवी तारिणी ऑस्‍ट्रेलिया के फ्रेमेंटल, न्‍यूज़ीलैंड के लि‍टेल्‍टन, फॉकलैंड के पोर्ट स्‍टेनली, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन और आखिर में मॉरीशस बंदरगाहों पर विश्राम किया। कैप्‍टन दि‍लीप डोंडे ने सभी छह महिला सदस्यों को तीन वर्ष तक प्रशिक्षण प्रदान किया। कैप्‍टन दिलीप डोंडे 2009 और 2010 के बीच अकेले सागर परिक्रमा करने वाले पहले भारतीय हैं। चालक दल की महिला सदस्‍यों ने अनुकरणीय साहस और टीम भावना प्रदर्शित किया है। उन्‍हें 60 नॉट की गति वाली तेज हवाओं तथा 7 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरों से जूझना पड़ा।
आईएनएसवी तारिणी स्‍वेदशी तकनीक से निर्मित 55 फुट लंबा नौवहन पोत है। पोत ने ऊंची समुद्री लहरों, अत्‍यधिक ठंड और खराब समुद्री स्थितियों का सामना किया, जिससे यह अभियान अत्‍यधिक चुनौ‍तीपूर्ण हो गया। चालक दल ने भारतीय मौसम विभाग की सटीक भविष्‍यवाणी के लिए नियमित रूपसे मौसमी, समुद्री तथा लहर से संबंधित आंकड़ों को अपडेट किया और गहरे समुद्र में प्रदूषण के बारे में जानकारी साझा की। बंदरगाहों पर विश्राम के दौरान चालक दल के सदस्‍यों ने स्‍थानीय आबादी विशेषकर बच्‍चों से विस्‍तृत बातचीत की। इस परियोजना का लक्ष्‍य विश्‍व मंच पर नारी शक्ति को प्रदर्शित करना है। स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी के माध्‍यम से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी प्रदर्शित किया गया।

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