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Saturday 26 May 2018 12:25:12 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोगों से अपील की है कि प्लास्टिक के प्रयोग को छोड़कर देश में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण में सुधार के लिए सहयोग करें। उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि विश्व पर्यावरण दिवस 2018 पर पर्यावरण संबंधी मुद्दों को गंभीरता से उठाया जाएगा। डॉ हर्षवर्धन पांच जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस से पहले पूर्वावलोकन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई के लिए किसी बड़े कदम की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हमें अपने व्यवहार में पर्यावरण हितैषी छोटे-छोटे परिवर्तन लाने की जरूरत है।
पर्यावरण संरक्षण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मीडिया से भी अपील की है कि वह लोगों के बीच पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता अभियान चलाए और बड़े-बूढ़ों, बच्चों को प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से जागरुक करने में सहयोग दे। उन्होंने कहा कि जो भी विद्यालय प्लास्टिक मुक्त होगा उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, ऐसे स्कूलों को हरित विद्यालय का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की पर्यावरण के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा करें। डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि देश में प्रतिदिन 25,940 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से 40 प्रतिशत कचरा एकत्र नहीं हो पाता है, साथ ही 60 मिलियन टन ठोस कचरा प्रतिवर्ष निकलता है। उन्होंने बताया कि एक प्लास्टिक की बोतल को गलने में 450 से 1000 वर्ष लगते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस समारोह नई दिल्ली सहित देश एवं विश्वभर में 1 जून 2018 से लेकर 5 जून 2018 तक मनाया जाएगा। इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। गौरतलब है कि विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्तराष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्तराष्ट्र महासभा में विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस की शुरूआत 5 जून 1974 को हुई थी।