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Saturday 26 May 2018 02:55:31 PM
देहरादून। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और विकास को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने उत्तराखंड में टिहरी झील के पास कोटी कॉलोनी में तीन दिवसीय विविध सांस्कृतिक उत्सव 'राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव' का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गणमान्य व्यक्तियों के साथ व्यंजन और शिल्प स्टालों का दौरा किया और कलाकारों एवं शिल्पकारों से बातचीत भी की। गौरतलब है कि नोडल एजेंसी के रूपमें उत्तरी जोन सांस्कृतिक केंद्र पटियाला को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के नारे के तहत राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव के कार्यांवयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में विविधता में एकता है और संस्कृति ने ही सभी को एकसूत्र में बांध रखा है। उन्होंने इस प्रकार के अद्वितीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित करने में संस्कृति मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को अपनी प्रतिभा, कलाकृति और व्यंजनों को एक मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सुदृढ़ करता है और इससे नागरिक विशेष रूपसे युवा एक भारत, श्रेष्ठ भारत की वास्तविक भावना का अनुभव कर सकेंगे। उन्होंने उत्तराखंड में यह महोत्सव आयोजित करने और टिहरी झील महोत्सव का तहेदिल से समर्थन करने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा का आभार व्यक्त किया।
सांस्कृतिक उत्सव का उद्घाटन उत्तराखंड की शानदार रंगीन सांस्कृतिक परेड से हुआ। शास्त्रीय कलाकार राशी पंत और चिराग पंत ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। वीरभाद सिंह भंडारी पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति भी दी। उद्घाटन समारोह से पहले गंगा नदी की पूजा अर्चना की गई। कर्नाटक का लोकनृत्य गोरवाड़ा कुनीथा, हरियाणा का फाग, गुजरात का सिधी धमाल और राजस्थान चक्री प्रदर्शित किए गए। पद्मभूषण सरोज वैद्यनाथन और ग्रुप ने ‘शिव आधारित’ नृत्य नाटिका पेश की। दर्शक झील स्थल पर ‘द टिहरी शो’ शीर्षक से पानी की स्क्रीन पर दिखाए गए साउंड एंड लाइट शो को देखकर रोमांचित हुए।
ज्ञातव्य है कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के हस्तशिल्प, व्यंजन, चित्रकारी, मूर्तिकला जैसे समृद्ध और विविध आयामों को एक मंच पर प्रदर्शित करने के लिए 2015 में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की कल्पना की थी। संस्कृति मंत्रालय ने अबतक आठ राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव आयोजित किए हैं, जिनमें से दो दिल्ली में, दो कर्नाटक और एक-एक वाराणसी, गुजरात, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों में हुए हैं। उत्तराखंड में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 27 मई 2018 तक रखेगा। महोत्सव में उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, टिहरी गढ़वाल से सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह और टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी भी उपस्थित हुए।