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Thursday 31 May 2018 12:54:39 PM
पुणे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुणे के निकट खड़गवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 134वें पाठ्यक्रम की पासिंगआउट परेड की समीक्षा की। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि वे एनडीए की पासिंगआउट परेड की समीक्षा करके प्रसन्न हैं और सशस्त्रबलों के सुप्रीम कमांडर के रूपमें यह क्षण उन्हें अत्यधिक संतुष्टि देता है। उन्होंने कहा कि सशस्त्रबल संपूर्ण देश के लिए उत्कृष्टता और समर्पण के प्रतीक हैं एवं इसकी सद्भावना हमारी एकता को उतना ही दर्शाती है, जितना कि एक समाज के रूपमें हमारी बहुलता प्रकट होती है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वर्दी में एक सैनिक या सैन्य अधिकारी देश में सभी जगह प्रशंसा और विश्वास पाता है, चाहे वह सेना, नौसेना या वायुसेना किसी से भी संबंध रखता हो। कैडेटों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सशस्त्रबल सिर्फ नौकरी ही नहीं करते, बल्कि वे एक आह्वान का जवाब भी देते हैं। उन्होंने कहा कि ये कैडेट हमारे युवाओं के रोल मॉडल हैं और वे हमें शांति एवं समृद्धि की गारंटी देते हैं। पासिंगआउट परेड में भारत के सभी भागों और विभिन्न समुदायों के कैडेट शामिल थे। गौरतलब है कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं भारत और इसके प्रत्येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी हैं। रक्षा मंत्रालय सशस्त्रबलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है।
भारतीय सेना में तीन प्रभाग हैं-भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और इसके अतिरिक्त भारतीय सशस्त्रबल, भारतीय तटरक्षक बल और अर्धसैनिक संगठन। भारतीय सशस्त्रबल करीब 14 लाख से अधिक सक्रिय सैन्यकर्मियों की ताकत के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। इसकी कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयां भी हैं जैसे-भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है।