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Saturday 23 June 2018 05:13:43 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य नीति-2018 का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य नीति व्यापक जनहित में होनी चाहिए इस दृष्टि से उन्होंने इस नीति में सुधार के लिए कुछ जरूरी सुझाव और संशोधन भी दिए। स्वास्थ्य नीति-2018 के प्रस्तुतिकरण के दौरान स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, नगर विकास, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, कृषि, सिंचाई एवं पशुधन विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा है कि एईएस और जेई रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समयबद्ध ढंग से पूरी तैयारी की जाए और जुलाई माह में इन रोगों से बचाव के बारे में जागरुकता और प्रचार-प्रसार का विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जनपदों विशेषकर गोरखपुर और बस्ती मंडलों के जनपदों की पीएचसी, सीएचसी और जिला चिकित्सालयों में पीड्रियाट्रिशियन, नर्सेज एवं पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों को रोग प्रभावित जनपदों का दौरा करने को कहा और कहा कि वे स्वयं भी जुलाई में बचाव अभियान का निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यालय शास्त्रीभवन लखनऊ में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की और सम्बंधित विभागों से एईएस और जेई रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम के कार्यों की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा, कृषि, सिंचाई, पशुधन विभाग को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाकर एईएस एवं जेई की रोकथाम एवं नियंत्रण की कार्रवाई में और तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि इन रोगों के उपचार और नियंत्रण के सम्बंध में ट्रेनिंग का भी विशेष प्रोग्राम चलाया जाए, इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जनपदों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए, उपचार केंद्रों पर औषधियों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दवाओं और बेड की व्यवस्था में कमी नहीं होनी चाहिए, रैपिड रेस्पॉंस टीम रोग की जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई की जाए, त्वरित व प्रभावी उपचार के लिए दक्ष कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, साथ ही एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए इनके माध्यम से रोगियों को तुरंत अस्पतालों तक पहुंचाया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एईएस, जेई का केंद्र मात्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज न हो, बल्कि इनके उपचार की व्यवस्था सीएचसी, पीएचसी और जिला चिकित्सालयों पर भी सुनिश्चित हो। उन्होंने रैन बसेरों, सड़कों के निर्माण, शौचालयों में साफ-सफाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मातृ एवं नवजात शिशु की देखभाल और पोषण के साथ-साथ टीकाकरण की व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की कमी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेई और एईएस वेक्टर जनित रोग हैं, इसलिए इनकी रोकथाम के लिए प्रभावित जनपदों में मास एवं प्रिंट मीडिया, मोबाइल वैन्स, वीडियो और डाक्यूमेंट्री फिल्मों के माध्यम से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को इन रोगों से जागरुक किया जाए और उनके पोषण की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि इनके बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे भी स्कूल के बच्चों को रोग से बचाव व नियंत्रण के विषय में बता सकें।