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Friday 29 June 2018 02:04:11 PM
कानपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के 51वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि आईआईटी कानपुर के उद्भव से स्वतंत्र भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा को बढ़ावा मिला है। राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी कानपुर का मॉडल ही देश के प्रमुख संस्थानों के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के मूल में है और 1963 में आईआईटी कानपुर कम्प्यूटर विज्ञान में पाठ्यक्रम देने वाला एक प्रमुख संस्थान था, इससे देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति की शुरूआत हुई और फैकल्टी की कई पीढ़ियों के सदस्यों और छात्रों के संकल्प एवं समर्पण से ही ऐसी उपलब्धियां संभव हो पाईं। राष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत अद्वितीय उम्मीद जगाता है और अवसर उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि छात्रों का पेशेवर भविष्य एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, जैव चिकित्सा अनुसंधान, ऊर्जा संग्रहण, स्मार्ट ग्रिड्स, नवीकरणीय ऊर्जा, वित्तीय गणित, विनिर्माण जैसे कई क्षेत्रों में चमक सकता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्रों से कहा कि भारत की तेज़गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था उन्हें कई संभावनाएं देती है, अपनी योग्यता, शिक्षा और आईआईटी डिग्री के जरिए प्रत्येक छात्र भारत के लिए बदलाव का वाहक बन सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि अपने नागरिकों का जीवन स्तर सुधारने के लिए भारत सरकार ने कई पहल की हैं, इनमें पुर्नजीवन और शहरी बदलाव के लिए अटल मिशन या अमृत, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, डिज़िटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं की सफलता के लिए प्रौद्योगिकी ही एक अहम ताकत है। उन्होंने छात्रों का ऐसे राष्ट्रीय मिशनों में योगदान करने का आह्वान किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बीसवीं शताब्दी में कानपुर हमारे देश का एक पुराना औद्योगिक शहर रहा है और यहां की कपड़ा मिलों ने इसे ‘पूरब का मैनचेस्टर’ की उपाधि दिलाई। रामनाथ कोविंद ने कहा कि डिज़िटल अर्थव्यवस्था और चौथी औद्योगिक क्रांति के जमाने में कानपुर का उन्नयन और औद्योगिक एवं वाणिज्यिक केंद्र के रूपमें इसकी फिर से छवि बनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह शहर नमामि गंगे की सफलता के लिए भी अहम है, क्योंकि यह न सिर्फ गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए है, बल्कि औद्योगिक कचरों से भी इसका संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि ये सभी काम साझेदारी से किए जाने लायक हैं, इसमें सरकार और नागरिक, उद्योग और शिक्षा जगत से जुड़े लोग अहम भूमिका निभाएं, आईआईटी कानपुर भी इसका एक अहम हिस्सा और हितधारक होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह आवश्यक है कि वैज्ञानिक और आईआईटी कानपुर जैसे अनुसंधान संस्थान आईआईटी कानपुर के नवीकरण के लिए कार्यक्रम डिजाइन, निरीक्षण और उसे लागू करने की नीति की जिम्मेदारी लें। रामनाथ कोविंद ने सामाजिक उत्तरदायित्व एवं नेतृत्व केंद्र सुपर-30 के उन छात्रों से भी मुलाकात की, जो आईआईटी और एनआईटी के लिए चुने गए हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें जेईई एडवांस परीक्षा में सफल होने के लिए बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि वे इसी समर्पण के साथ भावी लक्ष्यों को हासिल करेंगे। उन्होंने जीएआईएल और सीएसआरएल की भी उनकी पहल के लिए प्रशंसा की।