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Monday 2 July 2018 02:46:48 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व अधिकारियों का आमजन के साथ मानवीय और संवेदनशील व्यवहार के माध्यम से ऐसा तंत्र विकसित करने का आह्वान किया है, जिससे जनमानस को राहत मिले और तहसील स्तरीय प्रशासनिक मशीनरी पर उनका विश्वास दृढ़ हो। उन्होंने कहा कि समयबद्ध, निष्पक्ष और ईमानदारी से दायित्वों का अनुपालन करना प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है एवं इसे राजस्व अधिकारियों द्वारा अपनाए जाने और लागू किए जाने की सर्वाधिक आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के दो दिवसीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए ये विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजस्व अधिकारियों का प्रदेश की आम जनता से सीधा सम्बंध है, आय, जाति, निवास आदि प्रमाण-पत्र, वरासत के मामले, भूमि विवाद आदि के निदान में तहसील के राजस्व अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इनके समयबद्ध, निष्पक्ष एवं तत्परता से निस्तारण से अनेक मामलों का समाधान हो जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों का चयन लोकसेवा आयोग के माध्यम से हजारों अभ्यर्थियों में से किया जाता है, जो इनकी बुद्धिमत्ता एवं प्रखरता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक क्षमता के लिए बुद्धिमानी के साथ व्यापक मानवीय दृष्टिकोण, संवेदनशीलता और दायित्वबोध भी आवश्यक है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन को प्राप्त होने वाली अधिकांश शिकायतें तहसील एवं थाने से सम्बंधित होती हैं, तहसील और थाना ठीक हो जाए तो आम जनता काफी राहत महसूस करेगी। उन्होंने कहा कि तहसील स्तरीय प्रशासनिक मशीनरी की रीढ़ होने के कारण राजस्व अधिकारियों को तहसील से जुड़े मामलों का समाधान जल्द से जल्द निष्पक्ष होकर करना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर जिलाधिकारियों से उनके कार्यकाल में जनसमस्याओं के निदान अथवा लोककल्याण हेतु अपनाए गए किसी ऐसे नवाचार के सम्बंध में प्रस्तुतिकरण देने के लिए कहा जिससे जनता को समयबद्ध, सरलीकृत और प्रभावकारी ढंग से लाभ मिला हो और जिसे अन्य जनपदों में लागू किया जा सके। उन्होंने तहसील स्तरीय राजस्व अधिकारियों से भी आमजन की समस्याओं के समाधान में उनके द्वारा अपनाए गए किसी ऐसे नवाचार के बारे में तैयारी करके आने को कहा जिसे अन्य तहसीलों में लागू कर जनता को फायदा पहुंचाया जा सके। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भू-माफिया टास्क फोर्स ने अच्छा काम किया है, इसके माध्यम से बड़ी मात्रा में सरकारी भूमि को भू-माफिया के कब्जे से मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को जारी रखने के साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यदि किसी गरीब एवं भूमिहीन व्यक्ति ने किसी सरकारी भूमि पर आवास निर्माण कर लिया है तो उसे प्रताड़ित न किया जाए, यदि वह भूमि आरक्षित श्रेणी की नहीं है तो उसे नियमानुसार पट्टा भी दिया जाना चाहिए।
राजस्व परिषद के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने कहा कि राजस्व अधिकारी प्रशासन की रीढ़ हैं और राजस्व प्रशासन सर्वाधिक पुराना विभाग है, यह विभाग जितना सुसंगठित, सुव्यवस्थित एवं सक्रिय होगा, प्रशासन उतना ही प्रभावकारी होगा। उन्होंने राजस्व अधिकारियों की मांगों एवं तहसीलों को बेहतर बनाए जाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी दी। उत्तर प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रति एक प्रशस्ति पत्र का वाचन कर उसे उन्हें सौंपा। संघ के महासचिव निखिल शुक्ल ने भी संघ का मांग पत्र प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राजस्व चंचल कुमार तिवारी, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद लीना जौहरी, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और उत्तर प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में संघ के भूतपूर्व अध्यक्ष एवं प्रोन्नत पीसीएस संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश पाठक ने धन्यवाद ज्ञापन किया।