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Thursday 5 July 2018 05:57:46 PM
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने अंतरिक्ष यात्री बचाव प्रणाली की श्रृंखला में योग्यतापूर्ण मुख्य प्रौद्योगिकी प्रदर्शन किया है। यह बचाव प्रणाली परीक्षण के निष्फल होने की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को तीव्रता से परीक्षण यान से सुरक्षित दूरी पर ले जाने की एक प्रणाली है। प्रथम परीक्षण में लॉन्च पैड पर किसी भी अत्यावश्यकता के अनुसार क्रू सदस्यों को सुरक्षित बचाने का प्रदर्शन किया गया। आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में आज सुबह 12.6 टन की क्षमता वाले कृतिम क्रू मापदंडों सहित इस बचाव प्रणाली का परीक्षण किया गया।
क्रू बचाव प्रणाली का यह परीक्षण 259 सेकंड में पूरा हुआ। इस दौरान क्रू बचाव प्रणाली ने अंतरिक्ष में ऊंची उड़ान भरी और बाद में बंगाल की खाड़ी में वृत्ताकार में घूमते हुए अपने पैराशूट्स से पृथ्वी में प्रवेश किया। यह श्रीहरिकोटा से 2.9 किलोमीटर की दूरी पर है। यह क्रू मापांक सुरक्षित सात विशेष रूपसे बनाई गई तीव्रगति से काम करने वाली ठोस मोटर की ऊर्जा के अंतर्गत लगभग 2.7 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचा। इस यान परीक्षण के दौरान लगभग विभिन्न लक्ष्यों वाले 300 संवेदक को रिकॉर्ड किया गया। इस दौरान बचाव प्रोटोकॉल के तहत मापदंडों के बचाव के लिए तीन बचाव नौकाओं का इस्तेमाल किया गया।