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Thursday 12 July 2018 03:40:23 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में विश्व जनसंख्या दिवस 2018 पर ‘जनसंख्या स्थिरीकरणः एक अधिकार एवं जिम्मेदारी’ पर आधारित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा है कि हम जनसंख्या में स्थिरता लाने के मुद्दे को जीवनचक्र संरचना के भीतर लाने पर विचार कर रहे हैं, इस कार्यनीति के एक हिस्से के रूपमें गर्भधारण के समय से बच्चे के बढ़ने के समय तक स्वास्थ्य मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रम गर्भवती माता एवं शिशु की टीकाकरण आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, जो किशोरावस्था के चरण तक एवं और आगे तक जारी रहते हैं, इसके अतिरिक्त यह विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के जरिए क्रियांवित की जा रही व्यापक कार्यनीति का भी एक हिस्सा है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है कि हम कुल प्रजनन दर यानी टीएफआर में लगातार गिरावट हासिल करने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2015 के 2.9 के टीएफआर से हम 2018 में 2.2 की टीएफआर दर के निकट पहुंच गए हैं, जिसका अर्थ यह है कि भारत ने इसमें गिरावट की एक अच्छी गति अर्जित कर रखी है। जेपी नड्डा ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों का एक आर्थिक पहलू भी है, क्योंकि देश की जनसंख्या का लाभ तभी उठाया जा सकता है, जब जनसंख्या स्वस्थ हो।
जेपी नड्डा ने कहा कि मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूपमें फोकस इस बात पर है कि परिवार नियोजन के विस्तारित होते विकल्प के बारे में जागरुकता पैदा की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की सुगमता से पहुंच हासिल हो। कार्यशाला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव प्रीति सुडान, एएस एवं एमडी मनोज झालानी, जनसंख्या स्थिरता कोष की कार्यकारी निदेशक प्रीतिनाथ, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विकास साझेदारों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कार्यशाला का आयोजन संयुक्त रूपसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और जनसंख्या स्थिरता कोष ने किया था।