स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 14 July 2018 02:59:33 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि जेनरिक दवाइयों के क्षेत्र में भारत की वैश्विक पहचान एक अहम किरदार की बन चुकी है। सुरेश प्रभु ने दिल्ली में भारत के दवा उत्पादकों के संगठन के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि क्रमिक वृद्धि के साथ भारत 2020 तक दुनिया के तीन बड़े दवा बाज़ारों में शामिल होगा और दवा बाज़ार के आकार के संदर्भ में यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा दवा बाज़ार बन जाएगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि मध्यवर्गीय परिवारों में बढ़ोतरी के साथ देश में चिकित्सा इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा, जो दवा क्षेत्र में वृद्धि को प्रभावित करेगा। सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत जीनोमिक्स और उसके एप्लीकेशन में अनुसंधान की सबसे अच्छी जगह है। उन्होंने फॉर्मा सेक्टर में वृद्धि और उपभोक्ता हितों के संरक्षण में संतुलन बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय दवा उद्योग के लिए अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में आपार संभावनाएं हैं और स्वास्थ्य देखरेख क्षेत्र में संपूर्ण समाधान देने में भारत सक्षम है।
सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में शामिल करने में फॉर्मा उद्योग अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि भारतीय दवा बाज़ार में वर्ष 2011 से 2016 तक 5.64 फीसदी की मिश्रित वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई। सुरेश प्रभु ने बताया कि भारतीय दवा बाज़ार वर्ष 2011 में 20.95 अरब डॉलर का था, जो वर्ष 2016 में बढ़कर 27.57 अरब डॉलर को हो गया और दवा क्षेत्र के राजस्व में वर्ष 2017 में 7.4 प्रतिशत की दर से वृद्धि अनुमानित है।