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Saturday 14 July 2018 03:29:44 PM
मुंबई। आईएनएस तरंगिणी जहाज अपनी लोकायन-18 समुद्री यात्रा के दौरान सातवें बंदरगाह ब्रिटेन के सुंदरलैंड पहुंच गया है, जहां यह प्रतिष्ठित टॉल शिप रेसेस-2018 में शामिल होगा। यह जहाज भारतीय नौसेना की दक्षिणी नौसैनिक कमान के तहत कोच्चि आधारित पहले प्रशिक्षण दल का हिस्सा है। जहाज का तरंगिणी नाम हिंदी शब्द तरंग से जुड़ा है, जिसका मतलब लहर होता है, इस तरह तरंगिणी का मतलब वह जो लहरों की सवारी करे। आईएनएस तरंगिणी भारतीय नौसेना का वह पहला जहाज है, जो वर्ष 2003-04 में पूरी दुनिया का भ्रमण कर चुका है और यह 2007, 2011 और 2015 में दुनियाभर में आयोजित टॉल शिप रेसेस में शामिल हो चुका है।
आईएनएस तरंगिणी अपनी 21 साल की सेवा में लोकायन-18 के साथ एकबार फिर इतिहास रचने को तैयार है। लोकायन संस्कृत शब्द ‘लोक्या’ मतलब पूरी दुनिया और ‘यान’ मतलब यात्रा शब्द से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ दुनिया की यात्रा करना है। तीन मस्तूलों वाला आईएनएस तरंगिणी को 1997 में भारतीय नौसेना के लिए जहाज चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए बनाया गया था। इसका निर्माण ब्रिटेन के नेवल आर्किटेक्ट कोलिन मुडी की डिजाइन के आधार पर गोवा में किया गया था। आईएनएस तरंगिणी की लोकायन-18 की शुरूआत 10 अप्रैल 2018 को कोच्चि से हुई थी, जिसे 20 हजार नॉटिकल मील की दूरी तय करनी है। यह समुद्री यात्रा सात महीने चलेगी और तरंगिणी 13 देशों के 15 बंदरगाहों पर भारतीय झंडा फहराने का सम्मान पाएगा।