स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 21 July 2018 03:58:45 PM
खड़गपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पश्चिम बंगाल में अवस्थित देश के विख्यात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के 64वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में कहा है कि इन संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी स्वीकार्य स्तर तक बढ़ाई जानी चाहिए, यह हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए और आईआईटी समुदाय को इसके लिए आगे आना चाहिए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर समृद्ध ज्ञान भंडार है, इस संस्थान से वैश्विक स्तर के विशेषज्ञों को जोड़ा गया है और वर्षों बाद आईआईटी खड़गपुर वास्तव में आईआईटी नेटवर्क एवं समुदाय दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण दरवाजा बन गया है, जो हमारे देश एवं उसकी सभ्यता के चरित्र के अनुरूप है। गौरतलब है कि आजादी के तुरंत बाद भारत सरकार की गठित एक समिति के तहत देश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी खड़गपुर की स्थापना की गई थी, इस समिति के अध्यक्ष ब्रिटिश नोबेल सम्मान प्राप्तकर्ता डॉ एवी हिल थे, जिन्होंने अमेरिका में एमआईटी की तर्ज़ पर भारत में एक संस्थान की स्थापना की सिफारिश की थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि इंजीनियरिंग, अर्थशास्त्र, चिकित्सा और प्रबंधन तक सभी क्षेत्रों में विचारों, विशेषज्ञता और ज्ञान के आदान-प्रदान ने हमारे नीति विकल्पों और हमारे लोगों के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है, जिसे हमें समझना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर ने कई विख्यात संस्थानों के साथ संयुक्त शोध कार्यक्रमों का नेतृत्व किया है, इनमें कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान,भारतीय विज्ञान संवर्द्धन संघ और टाटा मेडिकल सेंटर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अपने ज्ञान भंडार की वजह से आईआईटी खड़गपुर कृषि उत्पादकता से लेकर नई संक्रामक बीमारियों, नवीकरणीय ऊर्जा, कम लागत के आवास और टिकाऊ शहरों जैसी आज के दौर की ज्वलंत समस्याओं का समाधान ढूंढने में राष्ट्र का मार्गदर्शन करता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास के लिए बिग डेटा एनालिटिक्स में एक उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना करने के लिए आईआईटी खड़गपुर ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, इसमें हमारे नागरिकों के कल्याण की बड़ी क्षमता है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि देशभर के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों का दौरा करने के बाद उन्हें पता चला है कि छात्रों की तुलना में छात्राएं अधिक पुरस्कार और पदक जीतती हैं, फिर भी जब आईआईटी की बात आती है तो छात्राओं की संख्या बहुत कम होती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एडवांस) में करीब 160,000 उम्मीदवार शामिल हुए थे, जिनमें 30,000 ही छात्राएं थीं, वर्ष 2017 में आईआईटी के स्नातक वर्ग में 10,878 छात्रों को प्रवेश मिला था, इनमें केवल 995 लड़कियां थीं। उन्होंने बताया कि 11,653 छात्र आईआईटी खड़गपुर में नामांकित हैं, इनमें 16 फीसदी से थोड़ा अधिक केवल 1,925 लड़कियां हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नहीं चलेगा, हमें इनकी संख्या बढ़ाने के लिए कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और देश के कामगारों की संख्या में महिलाओं की भागीदारी स्वीकार्य स्तर तक बढ़ाई जाए। राष्ट्रपति ने इस मौके पर सावित्रीबाई फुले गर्ल्स हॉस्टल और एपीजे अब्दुल कलाम अंतर्राष्ट्रीय आगंतुक गेस्ट हाउस की आधारशिला का अनावरण भी किया।