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पुलिस के सा‌थ अब सिटिजन भी जवाबदेह!

यूपी के थानों में डिज़िटल वालंटियर होंगे सिटिजन

पुलिस महानिदेशक ने जारी किए दिशा-निर्देश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 21 July 2018 04:23:19 PM

up director general of police op singh

लखनऊ। डिज़िटल प्लेटफॉर्म वाट्सएप को झूंठी और नकारात्मक अफवाहों को रोकने के लिए भारत सरकार के कड़े कदम उठाने के निर्देर्शों के पालन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी के थानों में डिज़िटल वालंटियर नियुक्त करने का फैसला किया है और इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। यूपी के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने इस आशय के दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया और संचार क्रांति का जहां एक ओर प्रार्दुभाव हुआ है, वहीं दूसरी ओर अराजकतत्व इस प्लेटफार्म का दुरुपयोग करके कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए इसपर भ्रामक ख़बरें, फोटो और वीडियो प्रसारित कर रहे हैं। इनके दुष्परिणामों के फलस्वरूप उन्होंने हाल में ही कुछ राज्यों में निर्दोष लोगों की हत्याओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया में ऐसी किसी भी अफवाह को रोकने को पूरी तरह से तत्पर है।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी 1469 थानों पर वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से 250 डिज़िटल वालंटियर बनाए जा रहे हैं। ओपी सिंह ने बताया कि शीघ्र ही प्रत्येक थाने का वाट्सएप ग्रुप जनपदीय वाट्सएप ग्रुप से जुड़ेगा और सभी जनपदीय वाट्सएप ग्रुप पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से जोड़े जाएंगे। उन्होंने बताया कि वाट्सएप ग्रुप से शिक्षक, प्रधानाचार्य, सेवानिवृत्त, सैनिक, पुलिस, पेंशनर्स, क्षेत्र के पत्रकार, सामाजिक संगठन, पूर्व या वर्तमान सभासद, पूर्व या वर्तमान ग्राम प्रधान, पूर्व या वर्तमान बीडीसी सदस्य, छात्रनेता, आशा बहू, ग्राम सचिव, एएनएम, कोटेदार, डाक्टर, वकील, व्यापार मंडल के पदाधिकारी, मंदिर के पुजारी, मस्जिद के मौलवी, विशेष पुलिस अधिकारी, सिविल डिफेंस क्षेत्र के होमगार्ड जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति जुड़ेंगे। एक प्रकार से पुलिस के सा‌थ अब सिटिजन भी अपने क्षेत्र की जानकारियों के प्रति जवाबदेह बनाए जा रहे हैं। पुलिस का यह प्रयोग यदि सफल हुआ तो इससे उस छिटपुट अपराध से पुलिस और समाज को राहत मिल सकती है, जिसके कारण ये दोनों ह‌ी आएदिन त्रस्त रहते हैं। गौरतलब है कि एक समय गांवों में तो एक चौकीदार ही यह सारा काम कर ले जाया करता था, लेकिन अपवाद को छोड़कर यह व्यवस्‍था भी भ्रष्ट पुलिसिंग की भेंट चढ़ गई।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इन लोगों को वाट्सएप ग्रुप में शामिल होने के लिए यूपी पुलिस की वेबसाइट uppolice.gov.in पर उपलब्ध एक डिज़िटल वालंटियर फार्म भरना होगा, डिज़िटल वालंटियर का चयन जनपद स्तरपर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में एक कमेटी करेगी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि वालंटियर्स के चयन में यह सावधानी आवश्यक है कि प्रत्येक गांव, कस्बा, वार्ड, मोहल्ला से न्यूनतम दो-दो वालंटियर्स चुने जाएं, जिससे कि थाने के हरक्षेत्र का प्रतिनिधित्व मिल जाए। उन्होंने बताया कि चयन कमेटी में क्षेत्रीय अपर पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक अपराध, क्षेत्राधिकारी व थानाध्यक्ष शामिल होंगे, यह कमेटी गहन विचार-विमर्श करके बायोडाटा के आधार पर ऐसे नागरिक चिन्हित करेगी, जो सामाजिक रूपसे प्रभावशाली, शांति-व्यवस्था में सहयोग देनेवाले, सोशल मीडिया पर सक्रिय एवं स्वच्छ छवि के होंगे। वालंटियर्स का मुख्य कर्तव्य क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अफवाह फैलने पर व्यक्तिगत रूपसे एवं सोशल मीडिया द्वारा सही तथ्यों से जनसामान्य को अवगत कराते हुए पुलिस का सहयोग करना होगा।
पुलिस महानिदेशक ने डिज़िटल वालंटियर के कर्तव्य भी बताए जैसे-आकस्मिक घटना की सूचना तत्काल यूपी 100 पर दी जाए, क्षेत्र में किसी प्रकार की अफवाह फैलने पर पुलिस को सूचना दी जाए, अफवाह या अफवाहों के संबंध में जनसामान्य को सही तथ्यों से अवगत कराते हुए उनका खंडन करना, बाहर से आकर क्षेत्र के होटल, सराय में रुकने वाले अथवा किराए पर रहने वाले संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी होने पर पुलिस को अवगत कराया जाए, स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग संस्थानों के आसपास दुकानों और ठेलों आदि पर बैठने वाले मनचलों की जानकारी देना, अवैध शराब, गांजा, स्मैक में लिप्त व्यक्तियों की जानकारी देना, क्षेत्र के मेले एवं त्यौहार के संबंध में कानून व्यवस्था से सम्बन्धित जानकारी देना, क्षेत्र के अपराधी जो हत्या, लूट, डकैती, अवैध शस्त्र बेचने, अवैध शराब की बिक्री, बलात्कार आदि में जेल में बंद रहे हों व जमानत पर आकर आपराधिक गतिविधियां करते हैं तो उसकी जानकारी देना, किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक समस्या पर दोनों पक्षों के लोगों से वार्ताकर उसका समाधान करने में पुलिस का सहयोग करना, किसी भी प्रकार की घटना दुघर्टना पर लोगों के आक्रोश धरना-प्रदर्शन पर उनको समझाने में पुलिस का सहयोग करना, गांव की जमीन के कब्जे या बंटवारे संबंधी समस्या में पुलिस की जनचौपाल में भाग लेकर गांव की समस्या गांव में ही निपटाने में पुलिस का सहयोग करना है।

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