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Friday 27 July 2018 02:14:25 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल और सूचना प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने निवेशकों से भारत में खेलों के विकास के लिए निवेश करने का अनुरोध किया है। कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने ‘स्कोरकार्ड 2018’ कार्यक्रम में देश में खेलों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सभी हितधारकों का एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय एक ऐसी प्रणाली बनाने के लिए प्रयासरत है, जिसके तहत स्थानीय प्रतिभाओं की पहचान की जाएगी, उन्हें संवारा जाएगा और फिर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मंच सुलभ कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की खेलो इंडिया योजना खेल प्रतिभाओं को संवारने की दृष्टि से अत्यंत प्रभावकारी है और इस अवधारणा को लोगों ने बड़े उत्साह के साथ स्वीकार भी किया है।
खेल राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने जानकारी दी कि सरकार एक ऐसी परियोजना पर काम कर रही है, जिसके तहत देश में 8 से 10 साल की उम्र वाली प्रतिभाओं की पहचान की जाएगी और उन्हें छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार एक साधारण परीक्षा के आधार पर 8 से 10 साल के बच्चों की शारीरिक फिटनेस के बारे में पता लगाने के लिए स्कूलों के बोर्ड, राज्य सरकारों और सशस्त्रबलों के साथ साझेदारी करेगी। उन्होंने बताया कि प्रथम टेस्ट पूरा हो जाने के बाद 5,000 विद्यार्थियों की छटनी की जाएगी और फिर इसके बाद 1,000 विद्यार्थियों की छटनी की जाएगी, जिन्हें सुपर एडवांस टेस्ट से होकर गुजरना होगा। उन्होंने कहा कि सही खेल के लिए सही शारीरिक फिटनेस प्रतिभा की पहचान की जाएगी और उन्हें 8 वर्ष तक पांच लाख रुपये बतौर छात्रवृत्ति दी जाएगी, ताकि जब उस बच्चे की उम्र 16 साल हो जाएगी तो वह उस समय तक एक चैंपियन बनने के लिए तैयार हो जाएगा।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि किसी भी एथलीट को आवश्यक धनराशि मांगने के लिए हिचकिचाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि खिलाड़ियों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि अभिजात वर्ग के खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय खेल विकास कोष के दायरे में रहते हुए टीओपी यानी टार्गेट ओलंपिक पोडियम योजना तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य ओलंपिक गेम्स के लिए संभावित पदक विजेताओं की पहचान करना एवं उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि मणिपुर के इम्फाल में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अपनी तरह का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा, जो सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं को अपनाते हुए चुनिंदा खेल विषयों में खेल शिक्षा को बढ़ावा देगा। कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि उनका मंत्रालय इस वर्ष के उत्तरार्द्ध में एक विनिर्माता शिखर सम्मेलन करने पर भी विचार कर रहा है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ उनकी भारतीय समकक्ष भी एकजुट होंगी और वे सरकार को यह बताएंगी कि भारत में खेलकूद के उपकरणों का निर्माण शुरू करने के लिए किस तरह के नीतिगत संशोधनों की आवश्यकता है।