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Friday 3 August 2018 01:06:48 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में पर्यावरण और कौशल विकास मंत्रालय ने एक लाख आरएसी सेवा तकनीशियनों को प्रशिक्षण देने के लिए एक समझौता किया है, जिसके तहत दोनों ही मंत्रालय 1,00000 आरएसी सेवा तकनीशियनों को प्रशिक्षण देंगे। सहमति पत्र हस्ताक्षर समारोह में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भारत की हरित पहलों और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति समर्पण की वैश्विक चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम भारत सरकार का एक खास प्रयास है, जो तकनीशियनों के कौशल का विकास करके ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने में उत्प्रेरक का काम करता है।
पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि दुनियाभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को साफ और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश के रूपमें देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें इसके प्रभावी क्रियांवयन और निगरानी को सुनिश्चित करना होगा। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के ग्रीन स्किल मिशन के तहत अगले 3 वर्ष में 5 लाख 86 हजार तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया जाएगा। सहमति पत्र हस्ताक्षर समारोह में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। उन्होंने तकनीशियनों को प्रशिक्षण देने की इस पहल में उद्योग से जुड़ी हस्तियों को निवेश केलिए आमंत्रित किया।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कौशल विकास पर वैसे ही ध्यान दिया जाना चाहिए जैसे अनुसंधन और उत्पादन के क्षेत्र में दिया जाता है। इससे पहले पर्यावरण और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के संयुक्त सचिवों ज्ञानेश भारती और राजेश अग्रवाल के बीच सहमति पत्रों का आदान-प्रदान हुआ। इस अवसर पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों के प्रतिनिधि, यूएन पर्यावरण, यूएनडीपी, जीआईजेड, सरकारी विभाग, उद्योग संघ, केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा, मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा, अतिरिक्त अपर सचिव एके जैन और बड़ी संख्या में आरएसी सेवा तकनीशियन उपस्थित थे।