स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 11 August 2018 03:46:08 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में जनजातीय कार्य मंत्रालय के समर्थित ईएमआरएस, आश्रम स्कूलों एवं अन्य स्कूलों के प्राचार्यों को संवेदनशील बनाने और शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक समझौता किया है। समझौते के अंतर्गत स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सभी आयामों को विस्तार देना, यथा साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड की गोली देना, पेट के कीड़े मारने के लिए गोली देना (द्विवार्षिक), प्राथमिक चिकित्सा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां प्रमुख रूपसे शामिल की गई हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के समर्थित ईएमआरएस, आश्रम स्कूलों और अन्य स्कूलों के शिक्षक समझौते के तहत स्वास्थ्य और वेलनेस प्रतिनिधि के रूपमें कार्य करेंगे। प्रमुख प्रशिक्षक और जिलास्तर के प्रशिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण एवं स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यांवयन की स्थिति की समीक्षा की व्यवस्था की गई है। मंत्रालय ने समर्थित सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया है कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को प्राचार्यों को संवेदनशील बनाने एवं शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने से संबंधित सहयोग अवश्य प्रदान करें। वर्ष 2013 में जनजातीय कार्य मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जनजातीय स्वास्थ्य पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसके अध्यक्ष डॉ अभय बंग थे। समिति ने जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति का अध्ययन करके स्वास्थ्य देखभाल में अंतर के कारणों को प्रस्तुत किया था।
जनजातीय स्वास्थ्य पर विशेषज्ञ समिति ने जनजातीय क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल के अंतर को समाप्त करने के लिए एक रोड मैप भी सामने रखा था। विशेषज्ञ समिति ने 4 वर्ष के दौरान जनजातीय स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों से जुड़े आंकड़ों के संग्रह के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्वास्थ्य निरीक्षण सेवाओं को स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से विस्तार देने का प्रस्ताव दिया है। इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे, जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय प्रीति सुदान, जनजातीय मामलों के मंत्रालय दीपक खांडेकर और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।